भारत की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का लॉन्च, यात्रियों के लिए नई सुविधाएं
वंदे भारत ट्रेन का स्लीपर वर्जन
भारत की प्रसिद्ध वंदे भारत ट्रेन अब स्लीपर फॉर्मेट में भी उपलब्ध होगी। रेलवे ने यह पुष्टि की है कि देश की पहली वंदे भारत स्लीपर ट्रेन इस महीने दिल्ली से पटना के बीच चलने के लिए तैयार है। यात्रियों ने इसकी तेज गति और बेहतर सुविधाओं के कारण लंबे समय से इसके लॉन्च का इंतजार किया है।
ट्रेन का निर्माण और परीक्षण
रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेंगलुरु स्थित भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड ने पहला स्लीपर रैक तैयार कर लिया है। यह रैक 12 दिसंबर को उत्तर रेलवे को भेजा जाएगा, जिसके बाद पटना और दिल्ली के बीच इसका परीक्षण किया जाएगा। यदि परीक्षण सफल रहा, तो यह ट्रेन महीने के अंत तक नियमित सेवा में शामिल हो जाएगी।
यात्रियों के लिए सुविधाएं
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल पूर्वी भारत के यात्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित हो सकती है, क्योंकि इस रूट पर लंबी प्रतीक्षा सूची और यात्रा समय की समस्या बनी रहती है।
कोचों का विन्यास
नई वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कुल 16 कोच और 827 बर्थ उपलब्ध रहेंगी। डिब्बों का वितरण इस प्रकार होगा: 11 कोच थर्ड एसी के जिसमें 611 बर्थ, 4 कोच सेकंड एसी के जिसमें 188 बर्थ, और 1 कोच फर्स्ट एसी का जिसमें 24 बर्थ।
सेवा का समय और संचालन
रिपोर्टों के अनुसार, स्लीपर संस्करण को सप्ताह में छह दिन चलाया जाएगा, ठीक उसी तरह जैसे अन्य वंदे भारत सेवाएं। इसका परिचालन समय नई दिल्ली राजेंद्र नगर तेजस राजधानी के करीब रखा जाएगा।
विशेषताएं और सुरक्षा
इस ट्रेन को अत्याधुनिक तकनीक से लैस किया गया है, जिसमें स्वचालित दरवाजे, उन्नत बायो शौचालय, CCTV निगरानी, और हर बर्थ पर पढ़ने की लाइट शामिल हैं। यह ट्रेन 160 किलोमीटर प्रति घंटे की अधिकतम गति से दौड़ने में सक्षम है।
भविष्य की योजनाएं
रेल मंत्रालय इसकी उपयोगिता को देखते हुए भविष्य में डिब्बों की संख्या 16 से बढ़ाकर 24 तक करने की योजना बना रहा है। यदि ट्रेन सफल होती है, तो इसे कोलकाता और बेंगलुरु जैसे शहरों तक बढ़ाया जा सकता है।
महत्वपूर्ण लॉन्च
भारत में लंबे समय से रात की ट्रेनों में आधुनिक स्लीपर सुविधाओं की कमी महसूस की जा रही थी। यह ट्रेन उस कमी को दूर कर सकती है और तेज गति और प्रीमियम सुविधाओं के साथ देश में रेल यात्राओं की गुणवत्ता बढ़ाने का उदाहरण बनेगी।
