Newzfatafatlogo

भारत की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ

भारत की सीमाओं पर सुरक्षा एक गंभीर मुद्दा बनता जा रहा है, जहाँ चीन और पाकिस्तान के साथ-साथ बांग्लादेश से भी नए खतरे उत्पन्न हो रहे हैं। भारतीय सेना ने इन चुनौतियों का सामना करने के लिए नई रणनीतियाँ अपनाई हैं, जिसमें ड्रोन की खरीद और निगरानी बढ़ाना शामिल है। जानें कैसे पाकिस्तान ने भी अपनी सुरक्षा को मजबूत किया है और इस स्थिति का क्या प्रभाव पड़ सकता है।
 | 
भारत की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ाने के लिए नई रणनीतियाँ

बॉर्डर सुरक्षा की चुनौतियाँ

भारत की सीमाओं की सुरक्षा एक अत्यंत गंभीर मुद्दा है, क्योंकि देश को लगातार विभिन्न प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। चीन और पाकिस्तान से सटी सीमाओं पर पहले से ही कई समस्याएँ मौजूद हैं। हाल के दिनों में, नेपाल के साथ सीमा पर भी कुछ परेशानियाँ देखने को मिली हैं, और अब बांग्लादेश से भी एक नया खतरा उत्पन्न हो रहा है। भारतीय सेना बांग्लादेश से सटी सीमाओं पर विशेष रूप से सतर्क है। सीमा सुरक्षा बल (BSF) लगातार इन सीमाओं की निगरानी कर रहा है। कट्टरपंथी ताकतों के उभार और बांग्लादेश के चरमपंथी समूहों के पाकिस्तान के साथ बढ़ते तालमेल ने स्थिति को और भी चिंताजनक बना दिया है।


भारतीय सेना की नई पहल

खतरे को देखते हुए, भारतीय सेना ने त्वरित निर्णय लेते हुए सीमा सुरक्षा को मजबूत करने के लिए 20 नए टेिकल रिमोटली पायलटेड एयरक्राफ्ट (RPAS) खरीदने की योजना बनाई है। रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में भारतीय कंपनियों से जानकारी मांगी है और एक अनुरोध फॉर इन्फॉर्मेशन (RFI) जारी किया है। इनमें से 10 ड्रोन मैदानों में और 10 ऊँचाई वाले क्षेत्रों में तैनात किए जाएंगे। यह स्पष्ट है कि भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (LoC) और चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर निगरानी बढ़ाना चाहती है।


पाकिस्तान में हलचल

भारत के इस एक्शन प्लान ने पाकिस्तान में हलचल मचा दी है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय हमलों से घबराए पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के पास पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के अग्रिम क्षेत्रों में ड्रोन-रोधी तैनाती में भारी वृद्धि की है। रावलकोट में ड्रोन रोधी उपकरणों का संचालन मुख्य रूप से दूसरी आज़ाद कश्मीर ब्रिगेड द्वारा किया जाता है, जो पुंछ सेक्टर में भारतीय चौकियों के सामने वाले क्षेत्रों की ज़िम्मेदारी संभालती है।


पाकिस्तान की नई सुरक्षा प्रणाली

पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा के साथ-साथ अमेरिकी मिसाइल प्रणालियों को शामिल किया है। प्रमुख तैनात किए गए सिस्टमों में स्पाइडर काउंटर-यूएएस सिस्टम शामिल है, जो निष्क्रिय रेडियो-फ्रीक्वेंसी डिटेक्शन और दिशा-निर्धारण तकनीकों का उपयोग करता है। यह 10 किलोमीटर तक की दूरी पर छोटे लोइटरिंग मुनिशन्स और बड़े ड्रोन का पता लगाने में सक्षम है। इसके अलावा, सफराह एंटी-यूएवी जैमिंग गन का भी उपयोग किया जा रहा है, जो ड्रोन नियंत्रण, वीडियो और जीपीएस लिंक को बाधित करने के लिए डिज़ाइन की गई है।