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भारत के कपड़ा उद्योग का 2030 तक 350 अरब डॉलर का लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्रस्तुत किया है, जिसमें 2030 तक 250 अरब डॉलर का घरेलू बाजार और 100 अरब डॉलर का निर्यात बाजार शामिल है। उन्होंने इस क्षेत्र की आर्थिक ताकत और सांस्कृतिक धरोहर के महत्व पर जोर दिया। हाल के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय कपड़ा उद्योग ने वैश्विक मंदी के बावजूद लचीलापन दिखाया है। जानें इस उद्योग के भविष्य की संभावनाओं और नए वैश्विक बाजारों में विस्तार की रणनीतियों के बारे में।
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भारत के कपड़ा उद्योग का 2030 तक 350 अरब डॉलर का लक्ष्य

कपड़ा उद्योग का महत्व और लक्ष्य

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भारतीय कपड़ा उद्योग के लिए एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य प्रस्तुत किया है। उन्होंने बताया कि सरकार का उद्देश्य 2030 तक इस क्षेत्र को 250 अरब डॉलर के घरेलू बाजार और 100 अरब डॉलर के निर्यात बाजार में परिवर्तित करना है। यह जानकारी उन्होंने कपड़ा और परिधान क्षेत्र के छोटे और मझोले निर्यातकों के साथ एक बैठक में साझा की।


गिरिराज सिंह ने कहा कि भारत का कपड़ा उद्योग हमारी आर्थिक ताकत और सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। यह क्षेत्र देश की जीडीपी में लगभग 2% का योगदान देता है और भारत को विश्व में छठे सबसे बड़े निर्यातक के रूप में स्थापित करता है। उन्होंने बताया कि हम 220 से अधिक देशों में कपड़े का निर्यात करते हैं और देश के 520 से अधिक जिले इस उद्योग में सक्रिय हैं।


मंत्री ने यह भी बताया कि वैश्विक बाजारों में मंदी और कुछ देशों द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बावजूद, भारतीय कपड़ा उद्योग ने लचीलापन दिखाया है। जुलाई 2025 में निर्यात में 5.37% की वृद्धि हुई, जो 3.10 अरब डॉलर तक पहुंच गया। अप्रैल से जुलाई 2025 के बीच कुल निर्यात में 3.87% की वृद्धि हुई, जो 12.18 अरब डॉलर तक पहुंच गया।


उन्होंने यह भी कहा कि हमें अब 40 नए वैश्विक बाजारों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की आवश्यकता है, साथ ही घरेलू मांग को भी मजबूत करना होगा, ताकि भारत 590 अरब डॉलर के वैश्विक कपड़ा बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सके।