भारत के किसानों के हितों की रक्षा करेगा सरकार: एस. जयशंकर

अमेरिकी टैरिफ पर भारत का कड़ा रुख
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी टैरिफ की आलोचना की
नई दिल्ली में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अमेरिकी टैरिफ के निर्णय की कड़ी निंदा की। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों और छोटे उत्पादकों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। सरकार ने कहा है कि वह अमेरिका के इस निर्णय के खिलाफ सभी आवश्यक कदम उठाएगी ताकि राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जा सके। जयशंकर ने अमेरिका की दोहरी नीति पर भी सवाल उठाया, यह बताते हुए कि भारत रूसी तेल का सबसे बड़ा खरीदार नहीं है, बल्कि चीन है। जबकि अमेरिका चीन को रियायतें दे रहा है और भारत पर अतिरिक्त टैरिफ लगा रहा है।
अमेरिका का नया तर्क
अमेरिकी राष्ट्रपति के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने भारत पर रूस से तेल खरीदने के लिए मुनाफाखोरी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भारत सस्ते दाम पर रूस से कच्चा तेल खरीदता है और फिर उसे महंगे दाम पर बेचता है। नवारो ने यह भी कहा कि इससे रूस को यूक्रेन युद्ध के लिए धन मिल रहा है। उन्होंने कहा कि भारत को 25% अतिरिक्त टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, जो 27 अगस्त से लागू होगा।
भारत की ऊर्जा नीति
रविवार को, रूस में भारत के राजदूत विनय कुमार ने इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए सबसे अच्छे सौदे से तेल खरीदेगा। राजदूत ने अमेरिकी निर्णय को अनुचित और अन्यायपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि भारत की ऊर्जा नीति का उद्देश्य 1.4 अरब लोगों को ऊर्जा सुरक्षा प्रदान करना है। उन्होंने यह भी कहा कि व्यापार एक वाणिज्यिक लेनदेन है और भारतीय कंपनियां हमेशा सबसे अच्छे सौदे की तलाश करेंगी।
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