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भारत के पर्यटन उद्योग में गिरावट के कारण और समाधान

भारत के पर्यटन उद्योग में इस वर्ष विदेशी सैलानियों की संख्या में 12 प्रतिशत की गिरावट आने की संभावना है। विशेषज्ञों का कहना है कि महंगाई, कमजोर बुनियादी ढांचा और सुरक्षा चिंताएं इसके प्रमुख कारण हैं। पिछले साल की तुलना में इस साल भारतीय नागरिकों की विदेश यात्रा में वृद्धि हुई है। जानें कि भारतीय पर्यटन स्थलों को सैलानियों को आकर्षित करने में क्या चुनौतियाँ हैं और इस उद्योग के भविष्य के लिए क्या समाधान हो सकते हैं।
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भारत के पर्यटन उद्योग में गिरावट के कारण और समाधान

भारतीय पर्यटन स्थलों की चुनौतियाँ

भारतीय पर्यटन स्थल सैलानियों को क्यों नहीं आकर्षित कर पा रहे हैं? कारोबार से जुड़े विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में पर्यटन की लागत अधिक है, बुनियादी ढांचा कमजोर है, और सुरक्षा संबंधी चिंताएं हमेशा बनी रहती हैं।


इस वर्ष भारतीय पर्यटन उद्योग के लिए एक और निराशाजनक साल साबित हो रहा है। मौजूदा रुझानों के अनुसार, इस साल भारत आने वाले विदेशी पर्यटकों की संख्या में 12 प्रतिशत की कमी आने की संभावना है। कोरोना महामारी से पहले, यानी 2019 में, जितने विदेशी पर्यटक भारत आए थे, वह संख्या अब तक वापस नहीं आई है। जबकि वैश्विक स्तर पर पर्यटन उद्योग ने अपनी रौनक वापस पाई है। उदाहरण के लिए, इस साल वियतनाम (21 प्रतिशत), श्रीलंका (16 प्रतिशत), मलेशिया (15 प्रतिशत), और इंडोनेशिया (9 प्रतिशत) जैसे देशों में विदेशी सैलानियों की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।


आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल क्रिसमस-नव वर्ष के दौरान 24 लाख से अधिक भारतीय नागरिक विदेश यात्रा पर गए थे, जबकि इस बार यह संख्या 25 लाख के पार जाने की संभावना है। तो सवाल यह है कि भारतीय पर्यटन स्थल सैलानियों को क्यों नहीं आकर्षित कर पा रहे हैं? कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि भारत में पर्यटन महंगा है, बुनियादी ढांचा कमजोर है, और सुरक्षा संबंधी चिंताएं गंभीर बनी हुई हैं। इस वर्ष पर्यटकों की संख्या में कमी का एक कारण बांग्लादेश के साथ बिगड़े रिश्ते भी हैं, जिसके कारण वहां से आने वाले सैलानियों की संख्या में कमी आई है। इसके अलावा, पहलगाम में आतंकवादी हमले के बाद कई पर्यटकों ने अपनी यात्रा रद्द कर दी।


यह अनुमान लगाया जा सकता है कि साल के अंत में इंडिगो एयरलाइंस के संकट ने भी इस स्थिति को और बिगाड़ा है। आंकड़ों के अनुसार, विदेशों में भारत का प्रचार करने में पर्यटन मंत्रालय का रुख कमजोर रहा है। पिछले दशक में किसी भी वर्ष में मंत्रालय ने बजट का पूरा उपयोग नहीं किया। इन सभी कारणों का असर इस उद्योग पर पड़ रहा है। पर्यटन एक ऐसा व्यवसाय है, जो बिना जोखिम उठाए विदेशी मुद्रा अर्जित करता है और लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करता है। लेकिन इस उद्योग का सीधा संबंध देश की समग्र स्थिति से है। यदि यह उद्योग लड़खड़ा रहा है, तो यह भारत की समग्र स्थिति पर एक नकारात्मक टिप्पणी है।