भारत के पहले एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला का ISS में ऐतिहासिक कदम

शुभांशु शुक्ला का ISS में आगमन
भारत के एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला ने 28 घंटे की यात्रा के बाद इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) पर कदम रखा है। वह ISS पर पहुंचने वाले पहले भारतीय बन गए हैं। उनके साथ अमेरिका की पैगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कपू भी शामिल हैं। ISS पर पहुंचने पर वहां के अंतरिक्ष यात्रियों ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। Axiom-4 मिशन के तहत, शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम ISS में 14 दिन बिताएंगे।
Axiom-4 मिशन की टीम का कार्य प्रारंभ
Axiom-4 मिशन की कमांडर पैगी व्हिटसन ने शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को एस्ट्रोनॉट पिन और फ्लाइंग नंबर प्रदान किए। नासा के अनुसार, ISS पर पहुंचने के तुरंत बाद, Axiom-4 के क्रू मेंबर्स ने ISS Expedition73 टीम के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। उन्होंने अपने टैबलेट सेटअप, स्लीप स्टेशन कॉन्फ़िगर करने और स्टेशन के लेआउट को व्यवस्थित करने जैसे कार्य किए। ISS Expedition73 टीम में ऐनी मैकक्लेन, निकोल एयर्स और ताकुया ओनिशी शामिल थे।
Axiom-4 की टीम के 14 दिन के कार्य
नासा की रिपोर्ट के अनुसार, Axiom-4 मिशन की टीम अगले 14 दिनों में ISS में माइक्रोग्रैविटी रिसर्च के तहत 60 से अधिक वैज्ञानिक प्रयोग करेगी। इनमें फार्मिंग, बायोटेक्नोलॉजी, सामग्री विज्ञान और मानव शरीर विज्ञान से संबंधित प्रयोग शामिल हैं। मिशन का मुख्य ध्यान माइक्रोग्रैविटी में ग्लूकोज मॉनिटरिंग और इंसुलिन उपकरणों पर ISRO-NASA-Axiom अध्ययन पर है, जो अंतरिक्ष में डायबिटीज देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।