भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर AI आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली का कार्यान्वयन
भारत के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली लगाने की योजना बनाई जा रही है। यह तकनीक यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ टिकट जांच और बोर्डिंग प्रक्रिया को भी तेज करेगी। मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित सात प्रमुख स्टेशनों पर यह प्रणाली लागू की जाएगी। जानें इस तकनीक के कार्यप्रणाली और इसके लाभ के बारे में।
Jul 23, 2025, 18:13 IST
| 
AI तकनीक से सुरक्षा में सुधार
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन सहित सात प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पर आधारित चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है। यह प्रणाली सार्वजनिक सुरक्षा को आधुनिक बनाने के लिए एक व्यापक योजना का हिस्सा है। इसके अलावा, एआई तकनीक का उपयोग टिकट जांच और बोर्डिंग प्रक्रिया को तेज करने के लिए भी किया जाएगा, जिससे यात्रियों को लंबी कतारों से राहत मिलेगी। इस नई तकनीक को स्मार्ट स्टेशन बनाने की योजना के तहत लागू किया जाएगा, जिसमें सुरक्षा, निगरानी और यात्री सुविधाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
चेहरे की पहचान तकनीक का परिचय
चेहरे की पहचान तकनीक क्या है?
चेहरे की पहचान एक बायोमेट्रिक तकनीक है, जो किसी व्यक्ति के चेहरे की विशेषताओं का विश्लेषण करके उसकी पहचान करती है। जब कोई व्यक्ति रेलवे स्टेशन में प्रवेश करता है, तो यह तकनीक उसकी आँखों, नाक, मुँह और चेहरे की संरचना को स्कैन करती है। इसके बाद, यह जानकारी डेटाबेस में मौजूद डेटा से मिलाई जाती है। यह प्रक्रिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग एल्गोरिदम पर आधारित होती है।
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस
मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसटी)
मुंबई के छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस पर एआई-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित की जाएगी। यह स्टेशन यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और भारत का सबसे पुराना तथा व्यस्ततम रेलवे स्टेशन है, जहाँ प्रतिदिन 30 लाख से अधिक यात्री आते हैं। एआई तकनीक की मदद से, स्टेशन के आसपास के ज्ञात अपराधियों की पहचान करना संभव होगा।
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भी AI-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित की जाएगी, जो प्रतिदिन 5 लाख से अधिक यात्रियों की सेवा करता है। यह तकनीक संभावित अपराधियों की पहचान में मदद करेगी और त्योहारों के दौरान गुमशुदा लोगों को खोजने में भी सहायक होगी।
कोलकाता का हावड़ा जंक्शन
कोलकाता में हावड़ा जंक्शन
हावड़ा जंक्शन, जो भारत के सबसे व्यस्त और पुराने रेलवे स्टेशनों में से एक है, पर भी AI-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली लागू की जाएगी। यह स्टेशन प्रतिदिन हजारों यात्रियों को सेवा प्रदान करता है और यह प्रणाली संदिग्ध और गुमशुदा व्यक्तियों की पहचान में मदद करेगी।
सियालदह रेलवे स्टेशन
सियालदह रेलवे स्टेशन (कोलकाता)
कोलकाता का सियालदह रेलवे स्टेशन भी AI-संचालित चेहरे की पहचान तकनीक का लाभ उठाएगा। यह तकनीक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेगी और रीयल-टाइम वीडियो एनालिटिक्स के माध्यम से अधिकारियों को उपद्रवियों की पहचान करने में सहायता करेगी।
चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन
चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन
चेन्नई सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर भी AI-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित की जाएगी, जहाँ प्रतिदिन लगभग 5 लाख यात्री आते हैं। यह स्टेशन लंबी दूरी की ट्रेनों की सेवा प्रदान करता है और AI तकनीक की शुरुआत से भीड़ प्रबंधन में सुधार होगा।
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन
हैदराबाद का सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन
सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन पर भी AI-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली लागू की जाएगी। यहाँ AI तकनीक और स्वचालित निगरानी अलर्ट स्टेशन की सुरक्षा को और मजबूत करेंगे।
दानापुर रेलवे स्टेशन
बिहार का दानापुर रेलवे स्टेशन
आखिरी स्टेशन जहाँ AI-संचालित चेहरे की पहचान प्रणाली स्थापित की जाएगी, वह बिहार का दानापुर रेलवे स्टेशन है। यहाँ AI तकनीक सुरक्षा को एक नए स्तर पर ले जाएगी।