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भारत के विभाजन की त्रासदी पर NCERT का नया पाठ्यक्रम

भारत के विभाजन की त्रासदी पर NCERT ने विशेष पाठ्यक्रम जारी किए हैं, जो विभाजन के कारणों और प्रभावों को उजागर करते हैं। ये पाठ्यक्रम छात्रों को विभाजन की भयावहता और उसके दीर्घकालिक परिणामों के बारे में जागरूक करने का प्रयास करते हैं। कांग्रेस और भाजपा के बीच इस मुद्दे पर तीखी बहस भी चल रही है। जानें, इस नए पाठ्यक्रम में क्या खास है और यह कैसे इतिहास को एक नए दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करता है।
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भारत के विभाजन की त्रासदी पर NCERT का नया पाठ्यक्रम

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर विशेष मॉड्यूल

भारत के विभाजन की दुखद घटना, जिसने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया और देश के इतिहास पर गहरा असर डाला, एक बार फिर चर्चा में है। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) ने हाल ही में कक्षा 6 से 12 के छात्रों के लिए 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' के अवसर पर विशेष पाठ्यक्रम जारी किए हैं। इन पाठ्यक्रमों में विभाजन के लिए जिम्मेदार प्रमुख कारकों और व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे देश की राजनीति में नई बहस शुरू हो गई है।


एनसीईआरटी के नए पाठ्यक्रम का मुख्य बिंदु यह है कि विभाजन एक आकस्मिक घटना नहीं थी, बल्कि यह गलत विचारों और निर्णयों का परिणाम था। इन पाठ्यक्रमों में तीन मुख्य पक्षों को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।


एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम में यह बताया गया है कि कैसे लॉर्ड माउंटबेटन ने सत्ता हस्तांतरण की तिथि को घटाकर अगस्त 1947 कर दिया, जिससे विभाजन की प्रक्रिया में तेजी आई। इसे 'लापरवाही का एक बड़ा कार्य' कहा गया है, जिसके कारण सीमाओं का निर्धारण करने के लिए केवल पांच सप्ताह का समय मिला।


इसके अलावा, पाठ्यक्रम में उल्लेख किया गया है कि ब्रिटिश शासकों ने भारत को एकजुट रखने के लिए कई प्रस्ताव रखे थे, लेकिन कांग्रेस ने उन्हें अस्वीकार कर दिया, जिससे विभाजन का रास्ता साफ हो गया। सरदार पटेल का एक बयान भी शामिल है, जिसमें उन्होंने विभाजन को 'कड़वी दवा' कहा था।


इन पाठ्यक्रमों में यह भी बताया गया है कि विभाजन के परिणाम आज भी भारत को प्रभावित कर रहे हैं, जैसे कि कश्मीर का मुद्दा और सांप्रदायिक तनाव।


कांग्रेस पार्टी ने एनसीईआरटी के इन पाठ्यक्रमों पर तीखी प्रतिक्रिया दी है, इसे भ्रामक बताते हुए कहा कि इसे जलाना चाहिए। कांग्रेस का तर्क है कि विभाजन का असली कारण हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग के बीच की मिलीभगत थी।


वहीं, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी इतिहास से भाग रही है। भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि उस समय कांग्रेस के नेतृत्व में नेहरू थे, जिन्होंने सत्ता के लालच में गलत कदम उठाए।


एनसीईआरटी के ये विशेष पाठ्यक्रम इतिहास को एक नए दृष्टिकोण से देखने का प्रयास करते हैं, ताकि युवा पीढ़ी विभाजन की भयावहता और उसके दीर्घकालिक परिणामों के बारे में जागरूक हो सके।