भारत के शहरी क्षेत्रों में तापमान वृद्धि पर विश्व बैंक की चेतावनी

विश्व बैंक की रिपोर्ट पर चिंता
विश्व बैंक रिपोर्ट भारत: विश्व बैंक द्वारा हाल ही में जारी की गई एक रिपोर्ट ने भारत के शहरी क्षेत्रों में तापमान के बढ़ने को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ शहरों में रात का तापमान उनके आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों की तुलना में औसतन 3-4 डिग्री सेल्सियस अधिक है। यह स्थिति विशेष रूप से लखनऊ, चेन्नई और सूरत जैसे शहरों में देखी गई है। इसके पीछे मुख्य कारण खराब शहरी बुनियादी ढांचा और तेजी से बढ़ता शहरीकरण बताया गया है।
रिपोर्ट का सारांश
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, 'भारत में लचीले और समृद्ध शहरों की ओर' शीर्षक वाली इस रिपोर्ट को मंगलवार को पेश किया गया। इसमें यह निष्कर्ष निकाला गया है कि तीव्र गर्मी की लहरें और 'शहरी ऊष्मा द्वीप प्रभाव' के कारण रात के तापमान में खतरनाक वृद्धि हो रही है। यह प्रभाव तब उत्पन्न होता है जब शहरी संरचनाएं दिन में सूरज की गर्मी को अवशोषित करती हैं और रात में उसे धीरे-धीरे छोड़ती हैं, जिससे तापमान अधिक बना रहता है।
अध्ययन में शामिल शहर
ये शहर हुए अध्ययन में शामिल
विशेष रूप से दिल्ली, चेन्नई, इंदौर, लखनऊ, सूरत और तिरुवनंतपुरम जैसे 24 प्रमुख शहरों को इस अध्ययन में शामिल किया गया है। इन शहरों में न केवल तापमान में वृद्धि देखी गई है, बल्कि जलवायु परिवर्तन के कारण वर्षा बाढ़ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। दिल्ली को इस संदर्भ में सबसे अधिक संवेदनशील बताया गया है, जहां वर्षा बाढ़ के कारण सबसे अधिक निर्मित क्षेत्र प्रभावित हो सकता है।
रिपोर्ट में चेतावनी
रिपोर्ट में दी गई चेतावनी
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि यदि समय रहते सुधारात्मक कदम नहीं उठाए गए, तो वर्ष 2030 तक भारत को सालाना 5 अरब डॉलर का नुकसान हो सकता है। यह नुकसान 2070 तक बढ़कर 14 से 30 अरब डॉलर के बीच पहुंच सकता है।
वर्षा बाढ़ का जोखिम
शहरी क्षेत्रों में वर्षा बाढ़ का जोखिम
रिपोर्ट के अनुसार, अगले 50 वर्षों में शहरी क्षेत्रों में वर्षा बाढ़ का जोखिम 73% से 100% तक बढ़ने की संभावना है। लगातार हो रहे शहरीकरण और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव इन शहरों की आधारभूत संरचना को कमजोर कर रहे हैं। यह रिपोर्ट भारत के नीति निर्माताओं और शहरी नियोजन संस्थाओं के लिए एक चेतावनी है, जिससे स्पष्ट है कि ठोस और टिकाऊ उपायों के बिना भारत के शहर भविष्य में बड़े पर्यावरणीय संकट का सामना कर सकते हैं।