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भारत-पाकिस्तान के बीच सियासी तकरार: पीएम मोदी का कड़ा जवाब और 'ऑपरेशन सिंदूर'

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सियासी तनाव बढ़ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया, जबकि पाकिस्तान ने इस पर प्रतिक्रिया दी है। जानें 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत भारत ने कैसे आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया और पाकिस्तान ने इस पर क्या कहा।
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भारत-पाकिस्तान के बीच सियासी तकरार: पीएम मोदी का कड़ा जवाब और 'ऑपरेशन सिंदूर'

भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ती सियासी तकरार

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के जवाब ने भारत और पाकिस्तान के बीच राजनीतिक तनाव को बढ़ा दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाते हुए उसे कश्मीर में अशांति फैलाने का जिम्मेदार ठहराया। पीएम के इस बयान के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया भी सामने आई है।


पाकिस्तान की प्रतिक्रिया

पाकिस्तान के विदेश मंत्री मुहम्मद इशाक डार ने पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति जताते हुए निराशा व्यक्त की। उन्होंने कहा कि भारत ने पहलगाम हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता का कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया है। वहीं, भारत ने इस हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम दिया, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया गया।


PM मोदी का बयान: कश्मीरियत का दुश्मन

प्रधानमंत्री मोदी ने कश्मीर के चिनाब ब्रिज, अंजी ब्रिज और वंदे भारत ट्रेन का उद्घाटन करते हुए पहलगाम आतंकी हमले को 'कश्मीरियत और इंसानियत पर हमला' बताया। उन्होंने कहा कि यह हमला गरीबों की रोजी-रोटी पर था और इसका उद्देश्य कश्मीर की मेहनतकश जनता को डराना था। पीएम ने यह भी कहा कि पाकिस्तान का मकसद भारत में सांप्रदायिक दंगे भड़काना और कश्मीर के पर्यटन को नष्ट करना था।


'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता

प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान के आतंकी ढांचों पर 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत प्रभावी कार्रवाई की। उन्होंने कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर आतंकवादी ढांचों को चंद मिनटों में नष्ट कर दिया। पीएम ने कहा कि जब भी पाकिस्तान 'ऑपरेशन सिंदूर' का नाम सुनेगा, उसे अपनी हार याद आएगी।


पाकिस्तान का बयान

पाकिस्तान ने 'ऑपरेशन सिंदूर' की सफलता पर सवाल उठाते हुए इसे भारतीय राजनीतिक प्रचार बताया। हालांकि, भारत ने स्पष्ट किया है कि यह कार्रवाई आतंकवाद के खिलाफ थी, न कि पाकिस्तान की जनता के खिलाफ।