भारत-पाकिस्तान सेमीफाइनल: क्या राजनीतिक तनाव के कारण होगा मैच रद्द?

भारत और पाकिस्तान के बीच सेमीफाइनल पर संकट
विश्व चैम्पियनशिप ऑफ लीजेंड्स (WCL) में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला सेमीफाइनल मुकाबला रद्द होने की संभावना है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय टीम के कई पूर्व क्रिकेटर मौजूदा राजनीतिक तनाव के कारण पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे पहले, भारत ने ग्रुप स्टेज में भी पाकिस्तान के खिलाफ खेलने से मना कर दिया था.
EaseMyTrip ने किया मैच से किनारा
प्रायोजक EaseMyTrip ने भी किया किनारा
इस मामले को और गंभीर बनाते हुए, भारतीय टीम के एक प्रमुख प्रायोजक EaseMyTrip ने सेमीफाइनल मैच से खुद को अलग कर लिया है। कंपनी के संस्थापक निशांत पिट्टी ने X पर बयान देते हुए कहा कि "आतंक और क्रिकेट साथ नहीं चल सकते।" उन्होंने स्पष्ट किया कि वे पाकिस्तान से जुड़े किसी भी मैच में शामिल नहीं होंगे, चाहे टीम इंडिया सेमीफाइनल में पहुंच जाए.
शिखर धवन का विरोध
शिखर धवन ने पहले ही जताया था विरोध
भारत के पूर्व सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने आयोजकों को ईमेल भेजकर सूचित किया था कि वे पाकिस्तान के खिलाफ नहीं खेलेंगे। इंग्लैंड के खिलाफ ग्रुप मैच के दौरान एक प्रशंसक ने जब धवन से पूछा कि क्या भारत, पाकिस्तान के खिलाफ खेलेगा, तो उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि अगर हमने पहले नहीं खेला, तो अब भी नहीं खेलेंगे.
शाहिद अफरीदी का विवादास्पद बयान
शाहिद अफरीदी का विवादित बयान
इस पूरे मामले को और भड़काते हुए, पाकिस्तान के पूर्व क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने मीडिया से कहा कि भारत के खिलाड़ी खुद मैच खेलने के इच्छुक थे, लेकिन शिखर धवन जैसे "एक गले सड़े अंडे" ने सब कुछ खराब कर दिया। अफरीदी ने यह भी कहा कि अगर भारत को खेलना नहीं था, तो उन्हें टूर्नामेंट में आना ही नहीं चाहिए था.
अफरीदी की दोहरी सोच
अफरीदी की दोहरी सोच
शाहिद अफरीदी के ये बयान तब आए हैं जब उन्होंने कुछ महीने पहले भारत पर आतंकवाद फैलाने के आरोप लगाए थे। अप्रैल में उन्होंने कहा था कि "भारत खुद अपने नागरिकों को मारता है और फिर पाकिस्तान पर इल्जाम लगाता है।" इस तरह अफरीदी के बयानों में दोहरापन दिखता है, एक ओर वह खेल से मेल-जोल की बात करते हैं, दूसरी ओर भारत पर गंभीर आरोप लगाते हैं.
क्या होगा अगला कदम?
क्या होगा अगला कदम?
भारत और पाकिस्तान के बीच इस मैच को लेकर तनाव अपने चरम पर है। यदि भारत सेमीफाइनल नहीं खेलता, तो टूर्नामेंट की छवि पर असर पड़ सकता है। हालांकि, खिलाड़ियों और प्रायोजकों का कहना है कि "राष्ट्रहित पहले है, खेल बाद में।" अब देखना होगा कि आयोजन समिति इस स्थिति को कैसे संभालती है और क्या भारत आधिकारिक रूप से इस मैच से हटने की घोषणा करता है.