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भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य व्यापार को सरल बनाना

भारत और ब्रिटेन के बीच हाल ही में हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार समझौता व्यापार को सरल बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम है। इस समझौते का उद्देश्य टैरिफ को कम करना, गैर-टैरिफ बाधाओं को घटाना और डिजिटल प्रक्रियाओं को सुगम बनाना है। यह समझौता न केवल व्यापारिक संबंधों को मजबूत करेगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ाएगा। जानें इस समझौते के पीछे की रणनीतियों और इसके संभावित प्रभावों के बारे में।
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भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते का उद्देश्य व्यापार को सरल बनाना

भारत और ब्रिटेन के बीच व्यापारिक संबंधों की मजबूती

मुंबई में ब्रिटिश उप-उच्चायोग के दक्षिण एशिया व्यापार सलाहकार, मार्क बिरेल ने गुरुवार को बताया कि भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते का मुख्य लक्ष्य व्यापार को बिना किसी रुकावट के बढ़ावा देना है। उन्होंने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के वैश्विक व्यापार परिदृश्य राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में कहा कि यह समझौता टैरिफ को कम करने, गैर-टैरिफ बाधाओं को घटाने और सीमा शुल्क व डिजिटल प्रक्रियाओं को सरल बनाने पर केंद्रित है। बिरेल ने कहा कि यह एफटीए व्यापार को सुगम बनाने के लिए सीमा शुल्क प्रक्रियाओं में सुधार और डिजिटल व्यापार को बढ़ावा देने का प्रयास है।


उन्होंने यह भी बताया कि जुलाई में दोनों देशों के नेताओं की उपस्थिति में हस्ताक्षरित एफटीए समझौता भारत और यूके के बीच मजबूत व्यापारिक संबंधों का एक सकारात्मक संकेत है। बिरेल ने कहा कि जैसे-जैसे हम इस समझौते की अनुमोदन प्रक्रिया से गुजरते हैं, हमें भविष्य में और भी सकारात्मक परिणाम देखने को मिलेंगे।


उन्होंने एएनआई से बातचीत में कहा कि यह समझौता टैरिफ को कम करने के साथ-साथ गैर-टैरिफ बाधाओं को भी घटाता है, जो कि भारत और यूके के बीच व्यापारिक संबंधों को और मजबूत बनाता है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने इसे एक ऐतिहासिक करार बताते हुए कहा था कि यह 99 प्रतिशत टैरिफ लाइनों पर शून्य-शुल्क पहुंच प्रदान करता है, जो लगभग 100 प्रतिशत व्यापार मूल्य को कवर करता है। इससे कपड़ा, चमड़ा, जूते-चप्पल, रत्न एवं आभूषण, समुद्री उत्पाद और खिलौनों जैसे श्रम-प्रधान क्षेत्रों में निर्यात के अवसर बढ़ने की उम्मीद है, जिससे रोजगार में वृद्धि होगी और कारीगरों, महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों और एमएसएमई को सशक्त किया जाएगा। 


बिरेल ने जोर देकर कहा कि मुक्त व्यापार समझौता (FTA) केवल शुल्कों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह व्यापक सहयोग का प्रतीक भी है। उन्होंने कहा कि यह एक मजबूत संबंध का संकेत है और भविष्य में भी इसे और मजबूत करने की उम्मीद है। भारत-अमेरिका शुल्कों के संबंध में पूछे जाने पर, बिरेल ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया, लेकिन भारत-ब्रिटेन व्यापार समझौते की सराहना की।