भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद की बैठक में डिजिटल प्रौद्योगिकी पर जोर

डिजिटल प्रौद्योगिकियों का महत्व
भारत-मध्य एशिया व्यापार परिषद की हालिया बैठक में, विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, ब्लॉकचेन और सीमा पार डिजिटल भुगतान व्यापार के तरीकों में बदलाव ला रहे हैं। उन्होंने बताया कि भारत अपने मध्य एशियाई सहयोगियों के साथ यूपीआई, आधार और डिजीलॉकर जैसे प्लेटफार्मों पर सहयोग करने के लिए उत्सुक है। डॉ. जयशंकर ने कहा कि डिजिटल तकनीकों और एआई के उपयोग से व्यापार और आर्थिक संबंधों की पूरी क्षमता को अनलॉक करने में मदद मिलेगी।
आर्थिक संपर्क को मजबूत करना
डॉ. जयशंकर ने यह भी बताया कि भारतीय बैंकों और मध्य एशियाई बैंकों के बीच घनिष्ठ संबंध आर्थिक संपर्क को और मजबूत करेंगे। उन्होंने विशेष रुपया वास्ट्रो खाते (SRVA) खोलने की प्रक्रिया की शुरुआत की जानकारी दी। UPI के उपयोग पर भी चर्चा हुई, और उन्होंने इसकी प्रगति का समर्थन किया। उन्होंने कनेक्टिविटी में सुधार के महत्व पर जोर दिया, जो एक बड़ी बाधा रही है।
भारत-मध्य एशिया संवाद का परिचय
भारत-मध्य एशिया संवाद की स्थापना 2019 में समरकंद, उज्बेकिस्तान में हुई थी। यह एक मंत्रीस्तरीय मंच है, जिसका उद्देश्य भारत और मध्य एशिया के पांच देशों - कजाखस्तान, किर्गिज गणराज्य, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज्बेकिस्तान - के बीच संबंधों को मजबूत करना है।