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भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि: क्या है इसके पीछे का कारण?

अगस्त 2025 में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में हल्की वृद्धि देखी गई, जो भारतीय रिज़र्व बैंक के लक्ष्य के भीतर है। खाद्य मुद्रास्फीति लगातार नकारात्मक रही, जबकि शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति बढ़ी है। इस लेख में हम मुद्रास्फीति के विभिन्न पहलुओं, जैसे कि खाद्य और ईंधन की कीमतों में बदलाव, का विश्लेषण करेंगे। जानें कि कैसे ये रुझान भारतीय अर्थव्यवस्था को प्रभावित कर रहे हैं।
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भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि: क्या है इसके पीछे का कारण?

भारत में खुदरा मुद्रास्फीति की स्थिति

खुदरा मुद्रास्फीति दर: अगस्त 2025 में भारत में खुदरा मुद्रास्फीति में हल्की वृद्धि देखी गई, लेकिन यह भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) द्वारा निर्धारित 2-6% के लक्ष्य के दायरे में बनी रही। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार, अगस्त में मुद्रास्फीति दर 2.07% रही, जो जुलाई में 1.61% से अधिक है।


खाद्य मुद्रास्फीति में लगातार गिरावट

खाद्य मुद्रास्फीति में नकारात्मक रुझान

मुद्रास्फीति में यह वृद्धि मुख्य रूप से सब्जियों, मांस, मछली, तेल, वसा, व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं और अंडों की कीमतों में वृद्धि के कारण हुई। हालांकि, खाद्य मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने नकारात्मक रही, अगस्त में यह -0.69% रही, जबकि जुलाई में यह -1.76% थी। इसका अर्थ है कि खाद्य पदार्थों की कीमतों में गिरावट की गति धीमी हो गई है।


शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की स्थिति

शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति में वृद्धि

शहरी क्षेत्रों में मुद्रास्फीति की दर भी बढ़ी है। अगस्त में शहरों में मुद्रास्फीति 2.47% दर्ज की गई, जो जुलाई के 2.10% से अधिक है। इसके साथ ही, शहरों में खाद्य मुद्रास्फीति भी पिछले महीने के -1.90% से बढ़कर -0.58% पर आ गई, जो खाद्य वस्तुओं की कीमतों में नरमी को दर्शाता है।


मुद्रास्फीति के रुझान

क्षेत्रीय स्तर पर मिश्रित रुझान

क्षेत्रीय स्तर पर मुद्रास्फीति के रुझान मिश्रित रहे। आवास क्षेत्र में मुद्रास्फीति 3.09% रही, जो जुलाई के 3.17% से थोड़ी कम है। शिक्षा की लागत 4.11% से घटकर 3.60% रह गई। वहीं, स्वास्थ्य सेवा की मुद्रास्फीति भी 4.57% से घटकर 4.40% पर आ गई।


ईंधन और प्रकाश क्षेत्र में गिरावट

ईंधन और प्रकाश में मामूली गिरावट

परिवहन और संचार क्षेत्र में मुद्रास्फीति जुलाई के 2.12% से घटकर अगस्त में 1.94% रही। ईंधन और प्रकाश क्षेत्र में भी मामूली गिरावट देखी गई, जहां अगस्त में मुद्रास्फीति 2.43% रही, जो जुलाई के 2.67% से कम है।


अगस्त में मुद्रास्फीति में वृद्धि

हालांकि मुद्रास्फीति में वृद्धि

अगस्त में मुद्रास्फीति में वृद्धि हुई है, लेकिन यह दर हाल के वर्षों की तुलना में काफी कम बनी हुई है। RBI के लक्ष्य सीमा में बने रहने का मतलब है कि महंगाई नियंत्रण में है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी मुद्रास्फीति को कम बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, लेकिन सब्जियों और प्रोटीन युक्त वस्तुओं की कीमतों में हाल की तेजी से कुछ मुद्रास्फीति दबाव भी दिख रहे हैं।