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भारत में डोपिंग के मामलों में चिंताजनक वृद्धि

भारत में डोपिंग के मामलों में चिंताजनक वृद्धि हुई है, जिससे खेल जगत में हड़कंप मच गया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, भारत डोपिंग के मामलों में विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है। 2024 में 260 खिलाड़ियों ने प्रतिबंधित दवाओं का उपयोग किया, जो कि एक रिकॉर्ड है। एथलेटिक्स, वेटलिफ्टिंग और कुश्ती में सबसे अधिक मामले सामने आए हैं। नाबालिग खिलाड़ियों में भी डोपिंग का खतरा बढ़ रहा है। जानें इस गंभीर मुद्दे के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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भारत में डोपिंग के मामलों में चिंताजनक वृद्धि

डोपिंग मामले: एक गंभीर समस्या

डोपिंग केस: भारत में खेलों के क्षेत्र में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया है। वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (WADA) और नेशनल एंटी डोपिंग एजेंसी (NADA) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत डोपिंग के मामलों में विश्व स्तर पर दूसरे स्थान पर है.


खिलाड़ियों के लिए शर्मिंदगी

यह जानकारी भारतीय खेल समुदाय के लिए एक शर्मिंदगी का कारण बन रही है, क्योंकि हमारे एथलीट प्रतिबंधित दवाओं का सेवन कर रहे हैं। इन दवाओं पर प्रतिबंध इसलिए लगाया गया है क्योंकि इन्हें ड्रग्स की श्रेणी में रखा गया है, और यह भारत के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है.


2024 में डोपिंग के रिकॉर्ड मामले

2024 में डोपिंग के रिकॉर्ड मामले


युवा मामले और खेल मंत्रालय ने हाल ही में राज्यसभा में जानकारी दी कि 2024 में NADA द्वारा किए गए 7,466 डोपिंग परीक्षणों में से 260 भारतीय खिलाड़ी प्रतिबंधित दवाओं के उपयोग में पकड़े गए। यह संख्या भारत में अब तक की सबसे अधिक है, जो 2019 के 224 मामलों के रिकॉर्ड को पार कर गई है। 2023 में भी 223 खिलाड़ी डोपिंग परीक्षण में असफल रहे थे, जिसके बाद WADA ने भारत को दुनिया का दूसरा सबसे खराब देश करार दिया था.


कौन से खेलों में अधिक मामले?

कौन से खेलों में अधिक मामले?


रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में सबसे अधिक डोपिंग मामले एथलेटिक्स में सामने आए, जहां 76 खिलाड़ी पकड़े गए। इसके बाद वेटलिफ्टिंग में 43, कुश्ती में 29 और मुक्केबाजी में 17 मामले दर्ज हुए। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि कुश्ती और वेटलिफ्टिंग में डोपिंग का प्रचलन सबसे अधिक है.


नाबालिग खिलाड़ियों में डोपिंग का खतरा

नाबालिग खिलाड़ियों में डोपिंग का खतरा


WADA की एक अन्य रिपोर्ट ने और भी गंभीर स्थिति का खुलासा किया है। पिछले 10 वर्षों के वैश्विक अध्ययन में भारत नाबालिग खिलाड़ियों (18 वर्ष से कम) में डोपिंग के मामलों में दूसरे स्थान पर है। रूस इस सूची में पहले स्थान पर है, जबकि भारत और चीन इसके बाद आते हैं.


WADA के अनुसार, नाबालिग खिलाड़ियों में सबसे अधिक पाए जाने वाले प्रतिबंधित पदार्थों में फ्यूरोसेमाइड, नैनड्रोलोन और क्लेनब्यूटेरोल शामिल हैं। 2012 से अब तक 1,416 नाबालिग खिलाड़ियों के खिलाफ 1,518 डोपिंग मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें डाययूरेटिक्स, स्टिमुलेंट्स और एनाबॉलिक स्टेरॉयड्स का उपयोग सबसे आम है.