भारत में नई कार खरीद पर टैक्स का बोझ: एक गंभीर चिंता

कार खरीद पर टैक्स का प्रभाव
सीए अरविंद सी थॉमस की एक लिंक्डइन पोस्ट ने भारत में नई कार खरीदने पर लगने वाले टैक्स के मुद्दे को उजागर किया है। जब आप जानेंगे कि टैक्स को हटाने पर कार की कीमत आधी हो जाएगी, तो आप चौंक जाएंगे।
सरकार का खजाना भरने का सवाल
आम आदमी की जेब पर असर
थॉमस ने सवाल उठाया, "क्या हम कार खरीद रहे हैं या सरकार के खजाने को भरने में मदद कर रहे हैं?" उन्होंने एक वास्तविक चालान का विश्लेषण किया, जिसमें दिखाया गया कि टैक्स के कारण वाहन की कीमत में लगभग 46% की वृद्धि होती है। कार की मूल कीमत 12.91 लाख रुपये थी। मामूली छूट के बाद कर योग्य राशि ₹12.80 लाख रही। इसके ऊपर 28% जीएसटी से 3.58 लाख, 17% मुआवजा उपकर से 2.17 लाख रुपये और 1% टीसीएस से 18,573 रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ा।
मध्यम वर्ग पर टैक्स का प्रभाव
मध्यम वर्ग की वित्तीय चुनौतियाँ
कुल मिलाकर, टैक्स में लगभग 6 लाख रुपये चले गए, जिसमें सड़क कर, पंजीकरण, बीमा या ईंधन शामिल नहीं हैं। थॉमस ने बताया कि भारी कराधान मध्यम वर्ग को कार स्वामित्व से दूर कर रहा है। उन्होंने लिखा, "इतने अधिक करों के साथ, वाहन अपग्रेड करना जरूरत से ज्यादा विलासिता जैसा लगता है। मध्यम वर्ग चुपचाप भुगतान करता रहता है, और कोई ध्यान नहीं देता।"
सामाजिक चर्चा का आरंभ
कार स्वामित्व की वास्तविक लागत
इस पोस्ट ने भारत में कार स्वामित्व की वास्तविक लागत और सामान्य खरीदारों पर पड़ने वाले छिपे हुए बोझ को लेकर चर्चा शुरू कर दी है। यह मध्यम वर्ग की वित्तीय चुनौतियों को उजागर करता है, जो टैक्स के कारण अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने में संघर्ष कर रहा है।