भारत में नए एक्सप्रेसवे: यात्रा का नया अर्थ

भारत में नए एक्सप्रेसवे: यात्रा का नया अर्थ
भारत में नए एक्सप्रेसवे के निर्माण से बड़े शहरों और छोटे शहरों के बीच कनेक्टिविटी में तेजी आ रही है। उदाहरण के लिए, कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेसवे ने दूरी को केवल 63 किलोमीटर तक सीमित कर दिया है, जिससे यात्रा का समय अब महज एक घंटे में पूरा हो जाता है।
बेंगलुरू-चेन्नई मार्ग पर भी यात्रा का समय कम हो गया है, जहां अब दो घंटे में सफर पूरा किया जा सकता है, जो पहले काफी लंबा था।
यात्रा के समय में भारी कटौती
इंदौर से हैदराबाद तक की यात्रा, जो पहले घंटों में होती थी, अब 525 किलोमीटर के इस मार्ग से काफी तेज हो जाएगी। अमृतसर-भटिंडा-जामनगर मार्ग, जो लगभग 917 किलोमीटर लंबा है, पंजाब से गुजरात तक के राज्यों को जोड़ने का कार्य करेगा।
दिल्ली से कटरा तक का सफर अब केवल 6 घंटे में पूरा किया जा सकता है। इसके अलावा, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर यात्रा 12 घंटे में संभव है, जो 1,386 किलोमीटर लंबा है।
भारतमाला परियोजना के तहत एक्सप्रेसवे की भूमिका
सरकार की भारतमाला योजना के अंतर्गत ये सभी नए एक्सप्रेसवे बनाए जा रहे हैं। सूरत-नासिक-सोलापुर मार्ग 730 किलोमीटर, वाराणसी-कोलकाता एक्सप्रेसवे 612 किलोमीटर, और दिल्ली-देहरादून मार्ग 239 किलोमीटर लंबा होगा।
ये कॉरिडोर न केवल यात्रा को आसान बनाएंगे, बल्कि व्यापार, पर्यटन और राष्ट्रीय विकास को भी गति देंगे।