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भारत में मानसून का कहर: किसानों की फसलें बर्बाद, हिमाचल में भूस्खलन का संकट

भारत में मानसून का प्रभाव जारी है, जिससे कई राज्यों में भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। पंजाब में किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और सड़कें बंद होने से जनजीवन प्रभावित हुआ है। जम्मू-कश्मीर में भी भूस्खलन का खतरा बढ़ गया है। दिल्ली में यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था, लेकिन अब इसमें कमी आई है। पूर्वोत्तर राज्यों में भी मौसम विभाग ने भारी बारिश की चेतावनी दी है।
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भारत में मानसून का कहर: किसानों की फसलें बर्बाद, हिमाचल में भूस्खलन का संकट

भारत में मानसून का प्रभाव

Monsoon: भारत के विभिन्न राज्यों में मानसून का प्रभाव अभी भी जारी है। पंजाब, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली और जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है। कुछ क्षेत्रों में जल स्तर में कमी आई है, लेकिन तबाही के निशान अभी भी स्पष्ट हैं। मौसम विभाग ने लोगों की सुरक्षा के लिए लगातार चेतावनियाँ जारी की हैं।


किसानों की समस्याएँ

पंजाब इस बार मानसून के कारण सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सतलुज, व्यास और रावी जैसी नदियाँ उफान पर हैं, जिससे सैकड़ों गाँव जलमग्न हो गए हैं। खेतों में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं, जिससे किसान आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं। रविवार को अमृतसर में 3.7 मिमी, लुधियाना में 2.4 मिमी और पटियाला में 9.2 मिमी बारिश हुई। हरियाणा के कई जिलों में भी बारिश ने जनजीवन को प्रभावित किया है।


हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन और सड़कें बंद

हिमाचल प्रदेश में 20 जून से अब तक भारी बारिश के कारण बादल फटने, बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं से लगभग 4,080 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। यहाँ 366 लोगों की जान जा चुकी है और वर्तमान में 826 सड़कें बंद हैं, जिनमें दो राष्ट्रीय राजमार्ग—एनएच-3 और एनएच-305 भी शामिल हैं। कुल्लू, मंडी और शिमला क्षेत्र सबसे अधिक प्रभावित हैं। इसके अलावा, हजारों बिजली ट्रांसफार्मर और जल योजनाएँ भी ठप पड़ी हैं, जिससे ग्रामीणों का जीवन कठिन हो गया है.


जम्मू-कश्मीर में भूस्खलन का खतरा

जम्मू-कश्मीर में भारी बारिश के कारण हालात बिगड़ गए हैं। कई पंचायतें पानी और बिजली की आपूर्ति से कट गई हैं। नॉर्थ ब्लॉक खेड़ी पंचायत में भूस्खलन और जमीन धंसने की घटनाओं ने लगभग 200 घरों को खतरे में डाल दिया है। इनमें से 20 घर पूरी तरह से धंसने की कगार पर हैं। स्थानीय लोग अपनी सम्पत्ति खोने के डर से चिंतित हैं। राहत और बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन सक्रिय हैं। प्रधानमंत्री का जल्द दौरा प्रस्तावित है, जिससे राहत कार्यों में तेजी आने की उम्मीद है.


दिल्ली में यमुना का जलस्तर

दिल्ली में लगातार बारिश के कारण यमुना नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया था। हालांकि, अब इसमें कमी आ रही है। रविवार रात को यमुना का जलस्तर 205.33 मीटर तक पहुँच गया था, लेकिन अब यह सुरक्षित स्तर पर आ गया है। चेतावनी का स्तर 204.50 मीटर है और जैसे ही जलस्तर 206 मीटर को पार करता है, प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की प्रक्रिया शुरू कर देता है.


पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम की चेतावनी

भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अरुणाचल प्रदेश और पूर्वोत्तर के अन्य हिस्सों में पूरे सप्ताह भारी बारिश और आंधी-तूफान की संभावना जताई है। इससे बाढ़ और भूस्खलन का खतरा और बढ़ सकता है.