भारत में मानसून की दस्तक: भारी बारिश और अलर्ट जारी
मानसून का आगमन और उसके प्रभाव
भारतीय मौसम विभाग ने हाल ही में पुष्टि की है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून पूरे देश में फैल चुका है, जो सामान्य समय से लगभग नौ दिन पहले हुआ है। इससे कई क्षेत्रों में राहत मिली है, लेकिन कुछ स्थानों पर भारी बारिश के कारण गंभीर स्थिति भी उत्पन्न हो रही है। मौसम विभाग ने कई राज्यों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है।दिल्ली-एनसीआर में मानसून के आगमन के साथ ही बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग ने सोमवार को हल्की से मध्यम बारिश की संभावना जताई है, जबकि तापमान 32 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा, मंडी, सोलन और सिरमौर जिलों में भारी बारिश और भूस्खलन की आशंका को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इन क्षेत्रों के स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया है।
उत्तराखंड के नौ जिलों में भी अलर्ट जारी किया गया है, जहां लगातार बारिश के कारण भूस्खलन और जलभराव की स्थिति बन रही है। प्रशासन ने बचाव कार्यों को तेज कर दिया है।
उत्तर-पश्चिम भारत में मानसून की रफ्तार बढ़ गई है, और पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली-एनसीआर में भारी बारिश की संभावना है। 28 जून से 4 जुलाई तक इन राज्यों में गरज और तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर जारी रहने की उम्मीद है।
पूर्वी और मध्य भारत में भी बारिश का सिलसिला जारी है। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के कुछ क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है।
पूर्वोत्तर भारत में हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला बना रहेगा, जिसमें कुछ स्थानों पर भारी वर्षा और तूफानी हवाओं का खतरा है। अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नागालैंड में विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।
दक्षिण भारत में तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी छिटपुट बारिश और तेज हवाओं की संभावना है।
मौसम विभाग ने नागरिकों से अनुरोध किया है कि वे स्थानीय प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और किसी भी आकस्मिक आपदा से बचाव के लिए सतर्क रहें। भूस्खलन या बाढ़ की संभावना वाले इलाकों से दूर रहें और मौसम की ताजा जानकारी नियमित रूप से लेते रहें।
अरब सागर के मध्य और उत्तरी हिस्सों में खराब समुद्री स्थिति को देखते हुए, मछुआरों को 28 जून से 2 जुलाई तक समुद्र में जाने से बचने की सलाह दी गई है।