भारत में यूनिवर्सल वैक्सीन का विकास: कोविड के सभी वेरिएंट्स के खिलाफ एक नई उम्मीद

यूनिवर्सल वैक्सीन की आवश्यकता
PGI चंडीगढ़ में वैक्सीन कोर्स के दौरान, सामुदायिक चिकित्सा के एक प्रोफेसर ने बताया कि यूनिवर्सल वैक्सीन भारत का नया हथियार होगा जो कोविड के हर प्रकार को हराएगा: कोविड वायरस के स्ट्रेन लगातार बदलते रहते हैं। इस स्थिति में एक ऐसी यूनिवर्सल वैक्सीन का विकास किया जा रहा है जो सभी प्रकार के वेरिएंट पर प्रभावी होगी।
एक ही वैक्सीन का सभी स्ट्रेन पर प्रभावी होना आवश्यक है, इसलिए इस वैक्सीन के विकास पर कार्य चल रहा है। हालांकि, इसे तैयार होने में कुछ समय लग सकता है। पीजीआईवेक-2025 के दौरान, पीजीआई के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की प्रो. मधु गुप्ता ने यह जानकारी साझा की।
उन्होंने कहा कि वर्तमान में कोविड के लिए किसी वैक्सीन की आवश्यकता नहीं है, लेकिन हर साल कोविड के स्वरूप में बदलाव के कारण भविष्य में एक यूनिवर्सल वैक्सीन की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इस पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश के प्रमुख संस्थानों को कार्य करने के लिए कहा है।
भारत अब वैक्सीन के क्षेत्र में एक प्रमुख देश बन गया है। पूरी दुनिया अब भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम को महत्व दे रही है। यही कारण है कि भारत इस दिशा में सस्ती और यूनिवर्सल मानकों के अनुसार वैक्सीन विकसित कर रहा है। सम्मेलन में विशेषज्ञों ने चर्चा की कि बीमारियों की वैक्सीन देकर लोगों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है।
डॉ. विवेक सागर ने ग्रुप-ए स्ट्रेप्टोकोकस वैक्सीन पर अपने विचार साझा किए। प्रो. रविंद्र खैवाल ने जलवायु परिवर्तन के इम्यूनाइजेशन कार्यक्रमों पर प्रभाव के बारे में चर्चा की। तकनीकी सत्र में, डॉ. तरुण सलूजा ने निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन अनुसंधान को बढ़ावा देने के लिए सार्वजनिक-निजी भागीदारी की संभावनाओं पर विचार किया।
हेक्सा वैलेंट वैक्सीन से बच्चों को 6 बीमारियों से सुरक्षा
प्रो. गुप्ता ने बताया कि बच्चों को एक साथ 6 बीमारियों से बचाने के लिए हेक्सा वैलेंट वैक्सीन विकसित की गई है। यह पोलियो, हेपेटाइटिस बी, निमोनिया, डिप्थीरिया, काली खांसी और टेटनेस से सुरक्षा प्रदान करेगी। पहले पेंटा वैलेंट वैक्सीन में पोलियो शामिल नहीं था, लेकिन हेक्सा वैलेंट में इसे शामिल किया गया है।