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भारत में सड़क निर्माण की प्रक्रिया अब यूट्यूब पर होगी लाइव

भारत में सड़क निर्माण की प्रक्रिया अब यूट्यूब पर लाइव दिखाई देगी। सड़क परिवहन मंत्रालय ने सभी हाईवे डेवलपर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने प्रोजेक्ट्स के वीडियो अपलोड करें। यह पहल जनता को सड़क परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति दिखाने और उनसे फीडबैक प्राप्त करने के उद्देश्य से की गई है। इसके साथ ही, QR कोड वाले होर्डिंग्स भी लगाए जाएंगे, जिससे लोग निर्माण की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह डिजिटल पारदर्शिता को बढ़ावा देगी।
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भारत में सड़क निर्माण की प्रक्रिया अब यूट्यूब पर होगी लाइव

सड़क निर्माण की नई पहल

नई दिल्ली - भारत में सड़क निर्माण अब केवल भौतिक रूप से नहीं, बल्कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी दिखाई देगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) और सभी हाईवे डेवलपर्स को निर्देश दिया है कि वे अपने यूट्यूब चैनल बनाकर हर परियोजना के वीडियो नियमित रूप से अपलोड करें।


जनता से जुड़ाव और पारदर्शिता का उद्देश्य

सड़क परियोजनाओं की वास्तविक स्थिति दिखाना
यह निर्णय जनता को सड़क निर्माण की वास्तविक स्थिति दिखाने और उनसे सीधा फीडबैक प्राप्त करने के लिए लिया गया है। सड़क परिवहन सचिव वी. उमाशंकर ने कहा कि मंत्रालय को पहले भी कई बार सड़क निर्माण से जुड़ी जानकारी यूट्यूबर्स के वीडियो के माध्यम से मिलती रही है, लेकिन अब यह कार्य एनएचएआई द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि वीडियो अपलोडिंग को प्रोजेक्ट कॉन्ट्रैक्ट का हिस्सा बनाया जाए, ताकि जनता देख सके कि सड़कें कैसे बन रही हैं और कहां समस्याएं आ रही हैं।”


ड्रोन से शूट किए जाएंगे वीडियो

अधिकारियों के अनुसार, निर्माण कंपनियों को पहले ड्रोन से शूट किए गए वीडियो मंत्रालय को जमा करने होते थे। अब इन्हीं वीडियोज़ को सार्वजनिक रूप से यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा, जिससे लोग रियल-टाइम में हाईवे प्रोजेक्ट्स की प्रगति देख सकें और अपनी राय या शिकायत सीधे साझा कर सकें। यह कदम सड़क परियोजनाओं की निगरानी को पारदर्शी और जन-संवेदनशील बनाएगा।


QR कोड वाले होर्डिंग्स की स्थापना

केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कार्यक्रम के दौरान एक और नवाचार की घोषणा की। उन्होंने बताया कि अब हाईवे किनारे QR कोड वाले होर्डिंग्स लगाए जाएंगे। इन्हें स्कैन करके लोग जान सकेंगे कि किस कंपनी ने सड़क बनाई है, कौन अधिकारी जिम्मेदार है, और उनसे कैसे संपर्क किया जा सकता है। गडकरी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सोशल मीडिया पर आने वाली सड़क संबंधी शिकायतों को नजरअंदाज न करें और तुरंत कार्रवाई करें।


गडकरी का संदेश: सड़कें टिकाऊ होनी चाहिए

गडकरी ने कहा कि सड़क निर्माण में ईमानदारी, गुणवत्ता और जिम्मेदारी सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने कहा, “हमारी सड़कों को सिर्फ सुंदर नहीं बल्कि टिकाऊ भी होना चाहिए। यह पहल देश में डिजिटल पारदर्शिता का नया मॉडल बनेगी और जनता की भागीदारी को एक नए स्तर तक ले जाएगी।” मंत्रालय का यह कदम सड़क निर्माण क्षेत्र में ‘डिजिटल मॉनिटरिंग’ और ‘जन-सहभागिता’ दोनों को जोड़ता है। अब आम नागरिक सीधे देख पाएंगे कि करदाताओं के पैसे से बनी सड़कें कैसे और कहाँ बन रही हैं, और अगर कहीं कमी है, तो सरकार तक उनकी आवाज़ आसानी से पहुँचेगी।