भारत-श्रीलंका समुद्री सहयोग की नई ऊँचाइयाँ

भारत और श्रीलंका के बीच समुद्री सहयोग
भारत-श्रीलंका समुद्री सहयोग: भारतीय तटरक्षक बल (ICG) और श्रीलंका तटरक्षक बल (SLG) के बीच 8वीं उच्च-स्तरीय बैठक सोमवार को नई दिल्ली में संपन्न हुई। यह बैठक दोनों देशों के बीच गहरे समुद्री सहयोग और मित्रता को और मजबूत करने का प्रतीक बनी। यह आयोजन दोनों तटरक्षक बलों के बीच आपसी विश्वास और संयुक्त प्रयासों को दर्शाता है, जो क्षेत्रीय समुद्री सुरक्षा और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
श्रीलंका तटरक्षक बल के महानिदेशक, रियर एडमिरल वाई.आर. सेरासिंघे के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल का भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक, परमेश शिवमणि, एवीएसएम, पीटीएम, टीएम ने गर्मजोशी से स्वागत किया। श्रीलंकाई प्रतिनिधिमंडल 10 से 14 अगस्त 2025 तक भारत में रहेगा, जो 2018 में दोनों तटरक्षक बलों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) के तहत विभिन्न पेशेवर आदान-प्रदान और इस उच्च-स्तरीय बैठक में भाग लेने के लिए आया है। इस मुलाकात ने दोनों पक्षों के बीच सहयोग को और गहरा करने का मार्ग प्रशस्त किया।
समुद्री चुनौतियों पर खुलकर चर्चा
नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया, समुद्री खोज और बचाव, समुद्री कानून प्रवर्तन और समुद्री रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करने पर गहन विचार-विमर्श हुआ। दोनों पक्षों ने क्षमता निर्माण और तकनीकी सहायता को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। रियर एडमिरल वाई.आर. सेरासिंघे ने कहा, “हमारा लक्ष्य समुद्री क्षेत्र में सुरक्षा, संरक्षा और पर्यावरण संरक्षण सुनिश्चित करना है,” जबकि भारतीय तटरक्षक बल के महानिदेशक परमेश शिवमणि ने इस बात पर बल दिया कि “साझा समुद्री हितों को सुरक्षित रखने के लिए दोनों देशों का सहयोग अनिवार्य है।”
क्षेत्रीय स्थिरता के लिए संकल्प
नई दिल्ली में आयोजित इस बैठक में दोनों तटरक्षक बलों ने परिचालन समन्वय को और बेहतर करने, सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करने और क्षेत्रीय समुद्री स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। यह सहयोग न केवल दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को भी सुदृढ़ करता है। दोनों पक्षों ने संयुक्त अभ्यास, प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग के माध्यम से अपनी साझेदारी को और गहरा करने का संकल्प लिया। साथ ही भविष्य में भी ऐसे ही रणनीति पर साझा कार्यक्रम करने पर जोर दिया।