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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन

भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने एक्सिओम-4 मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के लिए सफलतापूर्वक उड़ान भरी। यह मिशन निर्धारित समय पर लॉन्च हुआ और 28 घंटे की यात्रा के बाद आईएसएस पहुंचेगा। शुभांशु शुक्ला, जो एक वायुसेना अधिकारी हैं, ने इसरो के गगनयान कार्यक्रम के लिए भी आवेदन किया था। जानें इस ऐतिहासिक मिशन के बारे में और शुभांशु की पृष्ठभूमि।
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भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक एक्सिओम-4 मिशन

एक्सिओम-4 मिशन की सफल उड़ान

एक्सिओम-4 मिशन: लंबे इंतजार के बाद, भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला और उनके तीन साथी अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए उड़ान भर चुके हैं। यह मिशन निर्धारित समय पर दोपहर 12:01 बजे लॉन्च हुआ। इससे पहले, स्पेसएक्स ने बताया था कि बुधवार को होने वाली उड़ान के लिए मौसम की स्थिति 90 प्रतिशत अनुकूल है।


शुभांशु शुक्ला का ऐतिहासिक सफर

शुभांशु शुक्ला ने रचा इतिहास,

एक्सिओम-4 मिशन ने अपने प्रक्षेपण के दौरान लगभग 30,000 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से अंतरिक्ष की ओर उड़ान भरी। यह उम्मीद की जा रही है कि यह मिशन भारतीय समयानुसार गुरुवार शाम 4:30 बजे आईएसएस पर पहुंचेगा।


स्पेसएक्स की तैयारी

स्पेसएक्स ने इस अंतरिक्ष मिशन के लिए सभी प्रणालियों की तैयारी को लेकर सोशल मीडिया पर जानकारी साझा की, जिसमें कहा गया कि सभी चीजें सही दिशा में हैं और मौसम भी उड़ान के लिए अनुकूल है।


प्रक्षेपण में देरी के कारण

विभिन्न कारणों से प्रक्षेपण में देरी

इससे पहले, एक्सिओम-4 मिशन का प्रक्षेपण कई बार स्थगित किया गया था, जिसमें खराब मौसम और स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट पर लीक की समस्या शामिल थी। इसे पहले 29 मई को लॉन्च किया जाना था, लेकिन बाद में इसे 8, 10 और 11 जून तक के लिए टालना पड़ा।


शुभांशु शुक्ला की पृष्ठभूमि

शुभांशु शुक्ला को जानें

शुभांशु शुक्ला एक वायुसेना अधिकारी हैं, जिन्होंने 2026 में भारतीय वायुसेना की लड़ाकू स्ट्रीम में शामिल होकर परीक्षण पायलट के रूप में कार्य किया। उनके पास 2000 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव है। उन्होंने 2019 में इसरो के गगनयान कार्यक्रम के लिए आवेदन किया था और बाद में उन्हें इस कार्यक्रम के लिए चुना गया। लखनऊ में जन्मे शुभांशु ने अपनी स्कूली शिक्षा सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से प्राप्त की और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक किया।