Newzfatafatlogo

भारतीय क्रिकेट को दिलीप दोशी का बड़ा नुकसान, 77 वर्ष की आयु में निधन

भारतीय क्रिकेट को एक बड़ा झटका लगा है, जब पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी का 23 जून को लंदन में निधन हो गया। 77 वर्ष की आयु में उनका निधन क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। दोशी ने भारत के लिए 33 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले और अपने करियर में कई उपलब्धियां हासिल कीं। उनके निधन पर सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष और अन्य खिलाड़ियों ने शोक व्यक्त किया है। जानें उनके जीवन और करियर के बारे में और कैसे उन्होंने क्रिकेट जगत में अपनी छाप छोड़ी।
 | 
भारतीय क्रिकेट को दिलीप दोशी का बड़ा नुकसान, 77 वर्ष की आयु में निधन

दिलीप दोशी का निधन

Dilip Doshi: भारतीय क्रिकेट के लिए एक दुखद समाचार आया है। पूर्व स्पिनर दिलीप दोशी का निधन 23 जून को लंदन में 77 वर्ष की आयु में हुआ। इस खबर ने क्रिकेट प्रेमियों और खिलाड़ियों को गहरा सदमा दिया है। दोशी ने भारत के लिए 33 टेस्ट और 15 वनडे मैच खेले, और अपनी गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया।


दिलीप दोशी का क्रिकेट करियर

दिलीप दोशी ने 1979 में 32 वर्ष की आयु में भारत के लिए अपना पहला टेस्ट मैच खेला और 1983 तक टीम का हिस्सा रहे। उन्होंने अपने करियर में 33 टेस्ट में 114 विकेट और 15 वनडे में 22 विकेट लिए। दोशी ने 1968-69 में प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत की और 238 मैचों में 898 विकेट हासिल किए।


सौराष्ट्र के प्रति लगाव

दिलीप दोशी का सौराष्ट्र से गहरा संबंध था। सौराष्ट्र क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष जयदेव शाह ने उन्हें अपने 'चाचा' की तरह बताया। उन्होंने कहा, "उनका जाना क्रिकेट के लिए एक अपूरणीय क्षति है। वह मेरे लिए केवल एक महान क्रिकेटर नहीं, बल्कि मेरे मेंटर और प्रेरणा स्रोत थे। उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में रहेगा।"


चेतेश्वर पुजारा की श्रद्धांजलि

हेडिंग्ले टेस्ट के चौथे दिन भारतीय बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने दोशी को याद करते हुए भावुक श्रद्धांजलि अर्पित की। पुजारा ने कहा कि दोशी एक बहुत ही विनम्र और शानदार इंसान थे। उन्होंने कहा, "मैं उनसे कई बार मिला। वह सौराष्ट्र के खिलाड़ियों के लिए विशेष स्थान रखते थे। जब भी मैं अच्छा खेलता, वह मुझे संदेश भेजते थे। उनकी कमी हमेशा महसूस होगी।"


क्रिकेट जगत में शोक

पूर्व बीसीसीआई सचिव निरंजन शाह ने दोशी के निधन को व्यक्तिगत क्षति बताया। उन्होंने कहा, "दिलीप दोशी केवल एक महान क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक अद्भुत इंसान भी थे। उनकी ईमानदारी और खेल के प्रति समर्पण उन्हें सबसे अलग बनाता था। यह मेरे लिए बहुत दुखद क्षण है।"