भारतीय पर्यटन क्षेत्र में तेजी: 2028 तक 5.12 लाख करोड़ रुपये का राजस्व

भारतीय पर्यटन का भविष्य
भारतीय पर्यटन क्षेत्र 2028 तक 5,12,356 करोड़ रुपये (59 अरब डॉलर से अधिक) का राजस्व उत्पन्न करने की संभावना है, जिसमें विदेशी पर्यटकों की संख्या 30.5 मिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है। यह आंकड़ा भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के प्रति वैश्विक पर्यटकों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।घरेलू पर्यटन में भी तेजी देखने को मिल रही है, जहां 2030 तक 5.2 बिलियन यात्राओं की उम्मीद है। कैपिटल माइंड पीएमएस की रिपोर्ट के अनुसार, घरेलू पर्यटन 2024 में 2.5 बिलियन यात्राओं से बढ़कर 2030 तक दोगुना होने की संभावना है, जो 13.4 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में यात्रा का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि लोगों की आय में वृद्धि और बेहतर परिवहन सुविधाएं अधिक यात्राओं और विदेशी आगंतुकों को आकर्षित कर रही हैं।
घरेलू आगंतुकों के खर्च में भी वृद्धि हुई है, जो 2019 में 12.74 ट्रिलियन रुपये से बढ़कर 2023 में 14.64 ट्रिलियन रुपये हो गया है। यह 2034 तक 7.9 प्रतिशत CAGR से बढ़कर 33.95 ट्रिलियन रुपये तक पहुँचने का अनुमान है।
घरेलू पर्यटक यात्राओं में 2022 में 1,731.01 मिलियन से 2023 में 2,509.63 मिलियन तक 44.98 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु ने घरेलू पर्यटकों की संख्या में बढ़त हासिल की है।
विदेशी पर्यटकों का आगमन भी बढ़ा है, जो 2023 में 18.89 मिलियन तक पहुँच गया है। दक्षिण एशिया, उत्तरी अमेरिका, और पश्चिमी यूरोप से आने वाले पर्यटकों की संख्या में वृद्धि हुई है, जो भारत के पर्यटन उद्योग के लिए सकारात्मक संकेत है।