भारतीय फुटबॉल संकट में: AIFF को FIFA और AFC की चेतावनी

भारतीय फुटबॉल टीम
भारतीय फुटबॉल टीम: भारतीय फुटबॉल एक बार फिर गंभीर संकट का सामना कर रहा है। विश्व फुटबॉल की नियामक संस्था फीफा (FIFA) और एशियाई फुटबॉल परिसंघ (AFC) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को चेतावनी दी है कि यदि वह 30 अक्टूबर 2025 तक अपने नए संविधान को लागू नहीं करता, तो उसे निलंबन का सामना करना पड़ सकता है। यह तीसरी बार है जब तीन वर्षों के भीतर भारतीय फुटबॉल पर बैन का खतरा मंडरा रहा है।
फीफा और AFC ने मंगलवार को AIFF के अध्यक्ष कल्याण चौबे को एक कड़ा पत्र भेजा। इस पत्र में दोनों संगठनों ने AIFF के संशोधित संविधान को लागू करने में हो रही देरी पर गहरी चिंता व्यक्त की। पत्र के अनुसार, AIFF को सुप्रीम कोर्ट से संविधान की मंजूरी प्राप्त करनी होगी, यह सुनिश्चित करना होगा कि यह फीफा और AFC के नियमों के अनुरूप हो और इसे 30 अक्टूबर तक अपनी जनरल बॉडी से स्वीकृत करवाना होगा।
2022 में भी लगा था भारत पर बैन
2022 में भी लगा था भारत पर बैन
इससे पहले, 16 अगस्त 2022 को फीफा ने AIFF को 'तृतीय-पक्ष हस्तक्षेप' के कारण निलंबित कर दिया था। उस समय सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त एक प्रशासक समिति AIFF का संचालन कर रही थी, जो फीफा के नियमों के खिलाफ था। हालांकि, 26 अगस्त 2022 को समिति भंग होने और कल्याण चौबे के नए अध्यक्ष चुने जाने के बाद यह बैन हटा लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में अटका है मामला
सुप्रीम कोर्ट में अटका है मामला
AIFF का नया संविधान 2017 से सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। कोर्ट ने पिछले शुक्रवार को कहा कि इस मामले में फैसला तैयार है लेकिन इसे नए राष्ट्रीय खेल शासन अधिनियम 2025 के साथ तालमेल बिठाने के लिए टाला गया है। इस मामले की अगली सुनवाई 28 अगस्त को होनी है। फीफा और AFC ने AIFF को सुप्रीम कोर्ट से अंतिम आदेश प्राप्त करने और अपने संविधान को उनके नियमों के अनुरूप करने का निर्देश दिया है।
भारतीय फुटबॉल पर क्या होगा असर?
भारतीय फुटबॉल पर क्या होगा असर?
यदि AIFF समय पर संविधान लागू नहीं करता, तो भारतीय फुटबॉल को गंभीर नुकसान हो सकता है। राष्ट्रीय टीमें और क्लब अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भाग नहीं ले पाएंगे। इससे भारत की 2036 ओलंपिक खेलों की मेज़बानी की महत्वाकांक्षी योजना पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसके अलावा, इंडियन सुपर लीग (ISL) के खिलाड़ियों पर भी संकट गहरा गया है।