भारतीय रेलवे ने डिजिटल अनारक्षित टिकटों की वैधता स्पष्ट की
नई दिल्ली में रेलवे का स्पष्टीकरण
नई दिल्ली: अनारक्षित टिकटों को लेकर यात्रियों में उत्पन्न असमंजस की स्थिति पर भारतीय रेलवे ने स्थिति स्पष्ट की है। रेलवे ने बताया है कि डिजिटल टिकटों के नियमों में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।
यात्रियों के लिए राहत
इस स्पष्टीकरण से उन यात्रियों को बड़ी राहत मिली है, जो रोजाना यात्रा करते हैं। इसके साथ ही, वंदे भारत ट्रेनों में स्थानीय व्यंजनों को शामिल कर यात्रा के अनुभव को और बेहतर बनाने पर जोर दिया गया है।
डिजिटल अनारक्षित टिकट की वैधता
भारतीय रेलवे ने यह स्पष्ट किया है कि अनारक्षित टिकटों की प्रिंटेड कॉपी अनिवार्य नहीं है। जो यात्री डिजिटल माध्यम से टिकट बुक करते हैं, वे उसी मोबाइल डिवाइस पर टिकट दिखा सकते हैं, जिससे उन्होंने बुकिंग की थी।
भ्रामक खबरों पर रेलवे की प्रतिक्रिया
रेलवे ने टिकट नियमों में बदलाव से संबंधित मीडिया रिपोर्टों को भ्रामक बताया है। अधिकारियों का कहना है कि मौजूदा नियम पहले की तरह ही लागू हैं और यात्रियों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। रेलवे ने यात्रियों से केवल आधिकारिक सूचनाओं पर भरोसा करने की अपील की है।
वंदे भारत में क्षेत्रीय व्यंजनों की पेशकश
भारतीय रेलवे वंदे भारत एक्सप्रेस में यात्रियों को विभिन्न राज्यों के पारंपरिक व्यंजन परोस रहा है। इसका उद्देश्य यात्रियों को स्थानीय स्वाद से जोड़ना और यात्रा को यादगार बनाना है। हर रूट के अनुसार मेन्यू तैयार किया गया है, ताकि क्षेत्रीय पहचान बनी रहे।
देशभर के स्वाद एक ही सफर में
महाराष्ट्र का कंदा पोहा, गुजरात का मेथी थेपला, ओडिशा का आलू फुलकोपी, बिहार का चंपारण पनीर और केरल का पारंपरिक भोजन अब वंदे भारत ट्रेनों में उपलब्ध है। इससे यात्रियों को विभिन्न राज्यों की पाक संस्कृति का अनुभव मिल रहा है।
यात्री अनुभव को बेहतर बनाना
रेल मंत्रालय के अनुसार, डिजिटल सुविधाओं और खानपान में सुधार रेलवे की प्राथमिकता है। नियमों को स्पष्ट कर और भोजन की गुणवत्ता में सुधार करके यात्रियों का विश्वास बढ़ाया जा रहा है। भविष्य में वंदे भारत ट्रेनों में और भी नए क्षेत्रीय व्यंजन जोड़े जा सकते हैं।
