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भारतीय रेलवे ने बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज

भारतीय रेलवे ने मिजोरम में दुनिया का सबसे ऊँचा पियर ब्रिज बनाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह ब्रिज 462 फुट ऊँचा है और जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन का हिस्सा है। इसके निर्माण से मणिपुर को अन्य राज्यों से जोड़ने में मदद मिलेगी, जिससे यात्रा का समय 10 घंटे से घटकर 2.5 घंटे हो जाएगा। जानें इस ब्रिज के बारे में और क्या खास है।
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भारतीय रेलवे ने बनाया दुनिया का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज

विश्व का सबसे ऊंचा पियर ब्रिज

World Tallest Pier Bridge: मिजोरम के निवासियों के लिए लंबे समय से प्रतीक्षित रेल कनेक्शन अब वास्तविकता बन गया है। भारतीय रेलवे ने दुनिया के सबसे ऊंचे पियर ब्रिज का निर्माण कर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। इससे पहले, रेलवे ने जम्मू-कश्मीर में सबसे ऊंचा आर्च ब्रिज बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया था। यह नया ब्रिज पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे द्वारा तैयार किया गया है, जिसका उद्देश्य मणिपुर के लोगों को बेहतर रेल सेवाएं प्रदान करना है। भारतीय रेलवे ने पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, जिससे दूरदराज के क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को लाभ मिल रहा है।


ब्रिज की ऊंचाई 462 फुट

462 फुट है ब्रिज की ऊंचाई


नोनी ब्रिज की ऊंचाई 462 फुट है, और यह 111 किलोमीटर लंबे जीरीबाम-इंफाल रेलवे लाइन परियोजना का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह पुल कुतुब मीनार से भी ऊँचा है, जिसकी ऊंचाई 72 मीटर है, जबकि नोनी पुल की ऊंचाई 114 मीटर है। इस परियोजना में 88 छोटे और 55 बड़े पुल भी शामिल हैं, और ट्रेनें 45 सुरंगों से गुजरेंगी। इस पुल को नंबर 164 के नाम से जाना जाता है।


सफर में कमी

10 घंटे का सफर होगा 2.5 घंटे में तय


नोनी ब्रिज के निर्माण से मणिपुर को अन्य राज्यों से जोड़ना संभव हो गया है। अब सड़क मार्ग से 10 घंटे का सफर रेल मार्ग से केवल 2.5 घंटे में पूरा किया जा सकेगा। इस पुल के दो पिलर्स, P3 और P4, दुनिया के सबसे ऊँचे पियर्स हैं, जिनकी ऊंचाई 141 मीटर है। इस ब्रिज के निर्माण में स्टील स्पैन का उपयोग किया गया है, और इसे बनाने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस पुल की कुल लागत लगभग 8071 करोड़ रुपये आई है।