Newzfatafatlogo

भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता, आरबीआई की मौद्रिक नीति का इंतजार

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार ने आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति के निर्णय से पहले स्थिर शुरुआत की। विशेषज्ञों का मानना है कि आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में कटौती की संभावना है। सेंसेक्स और निफ्टी में मामूली गिरावट देखी गई, जबकि कुछ सेक्टरों में खरीदारी की गतिविधियाँ भी हुईं। जानें बाजार के आंकड़े, विश्लेषकों की राय और आगामी संभावनाएँ।
 | 
भारतीय शेयर बाजार में स्थिरता, आरबीआई की मौद्रिक नीति का इंतजार

शेयर बाजार की शुरुआत

मुंबई: शुक्रवार को आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) द्वारा रेपो रेट के निर्णय से पहले भारतीय शेयर बाजार ने स्थिर शुरुआत की। शुरुआती कारोबार में आईटी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में खरीदारी की गतिविधियाँ देखी गईं।


आरबीआई की नीतिगत दरों पर संभावनाएँ

विशेषज्ञों का मानना है कि आज की मौद्रिक नीति में आरबीआई द्वारा 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना है, जिसे बाजार ने पहले से ही ध्यान में रखा है।


बाजार के आंकड़े

सुबह लगभग 9:23 बजे, सेंसेक्स 82.43 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,359.61 पर था, जबकि निफ्टी 7.70 अंक या 0.03 प्रतिशत की कमी के साथ 24,743.20 पर कारोबार कर रहा था।


निफ्टी बैंक 4.85 अंक या 0.01 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 55,765.70 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 146.25 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,449.25 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65.50 अंक या 0.36 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 18,498.10 पर था।


विश्लेषकों की राय

विश्लेषकों के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास और मुद्रास्फीति के अनुमानों पर आरबीआई की टिप्पणियाँ महत्वपूर्ण होंगी।


जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, "यदि मुद्रास्फीति का पूर्वानुमान 4 प्रतिशत से कम किया जाता है, तो बाजार सकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकता है।"


निफ्टी के लिए समर्थन और प्रतिरोध स्तर

विश्लेषकों का मानना है कि निफ्टी को 24,500, 24,400 और 24,300 पर तत्काल समर्थन मिल सकता है। वहीं, प्रतिरोध स्तर 24,850, 24,900 और अंततः 25,000 पर होने की उम्मीद है।


चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजाने ने कहा, "24,500 से नीचे का स्तर बिकवाली का दबाव बढ़ा सकता है, जबकि 25,000 से ऊपर का स्तर नई ऊंचाइयों के लिए रास्ता खोल सकता है।"


बाजार की अस्थिरता

इंडिया विक्स 4.21 प्रतिशत गिरकर 15.08 पर आ गया, जो दर्शाता है कि बाजार निकट भविष्य में कम अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है। हालांकि, आरबीआई की नीति के आने के कारण ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए।


सेंसेक्स के टॉप गेनर्स और लूजर्स

इस बीच, सेंसेक्स में बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, इटरनल, आईटीसी, एनटीपीसी और टाइटन शीर्ष लाभार्थी रहे। वहीं, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई शीर्ष हानिकारक रहे।


अंतरराष्ट्रीय बाजारों का प्रभाव

एशियाई बाजारों में, हांगकांग, चीन और बैंकॉक लाल निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि केवल जापान हरे निशान में था।


अमेरिकी बाजारों में, पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 108 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,319.74 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 31.51 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,939.30 पर और नैस्डैक 162.04 अंक या 0.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,298.45 पर बंद हुआ।


संस्थागत गतिविधियाँ

संस्थागत गतिविधियों के संदर्भ में, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता रहे, जिन्होंने 5 जून को 208.47 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 2,382.40 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद के साथ मजबूत खरीदार बने रहे, जिससे बाजार को समर्थन मिला।