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भारतीय सेना को मिले नए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

भारतीय सेना ने आज तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप प्राप्त की, जो उनकी परिचालन क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाएंगे। इन हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी में कई बार देरी हुई है, और अब ये जोधपुर स्थित बेस के लिए उड़ान भरने के लिए तैयार हैं। जानें इन हेलीकॉप्टरों के महत्व और भारतीय सेना की योजनाओं के बारे में।
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भारतीय सेना को मिले नए अपाचे अटैक हेलीकॉप्टर

अपाचे हेलीकॉप्टरों की पहली खेप भारत पहुंची

भारतीय सेना: तीन अपाचे अटैक हेलीकॉप्टरों की पहली खेप, जिनकी डिलीवरी में कई बार देरी हुई, आज सुबह हिंडन एयरबेस पर पहुंच गई। इन हेलीकॉप्टरों को एक अमेरिकी परिवहन विमान के माध्यम से भारत लाया गया। कार्यक्रम से जुड़े सूत्रों ने बताया कि नए हेलीकॉप्टरों की असेंबली और निरीक्षण के बाद इन्हें भारतीय सेना की एविएशन कोर को सौंपा जाएगा। इसके बाद ये हेलीकॉप्टर जोधपुर स्थित अपने बेस के लिए उड़ान भरेंगे।


भारतीय सेना का महत्वपूर्ण क्षण

भारतीय सेना ने हेलीकॉप्टरों के आगमन को एक महत्वपूर्ण घटना बताया और कहा कि ये अत्याधुनिक प्लेटफॉर्म उनकी परिचालन क्षमताओं को काफी बढ़ाएंगे। सेना ने सोशल मीडिया पर लिखा, "भारतीय सेना के लिए यह एक महत्वपूर्ण क्षण है क्योंकि आर्मी एविएशन के लिए अपाचे हेलीकॉप्टरों का पहला बैच आज भारत पहुंच गया है।" उल्लेखनीय है कि आर्मी एविएशन कोर मार्च 2024 में जोधपुर में अपनी स्थापना के बाद से इन हेलीकॉप्टरों का इंतजार कर रही थी।


डिलीवरी में हुई देरी

अमेरिका से अपाचे AH-64E अटैक हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी कई बार समय सीमा के भीतर पूरी नहीं हो पाई। भारतीय सेना को पहले इनकी डिलीवरी जून 2024 तक होने की उम्मीद थी। ये हेलीकॉप्टर 2020 में अमेरिका के साथ हुए 60 करोड़ डॉलर के सौदे का हिस्सा थे। आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण समयसीमा को बाद में दिसंबर 2024 तक बढ़ा दिया गया था। मूल योजना के अनुसार, छह हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी दो बैचों में की जानी थी। एक साल से अधिक की देरी के बाद, पहला बैच अब आ गया है। भारतीय सेना की एविएशन कोर के पायलट, जिन्हें 2024 में प्रशिक्षित किया गया था, अब उड़ान भरने के लिए तैयार हैं।


पश्चिमी सीमा पर महत्वपूर्ण भूमिका

अपाचे हेलीकॉप्टरों से देश के पश्चिमी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण अभियानों में सेना को सहायता मिलने की उम्मीद है। ये उन्नत विमान अपनी चपलता, मारक क्षमता और उन्नत लक्ष्यीकरण प्रणालियों के लिए जाने जाते हैं। दूसरी ओर, भारतीय वायु सेना ने 2015 में हस्ताक्षरित एक अलग ऑर्डर के तहत पहले ही 22 अपाचे हेलीकॉप्टरों को शामिल किया है। नव प्रशिक्षित एविएशन कोर सेना की ऑपरेशनल टीम का एक महत्वपूर्ण घटक है, जो कई मिशनों के लिए हवाई सहायता प्रदान करता है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद ये हेलीकॉप्टर पश्चिमी सीमा पर महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।