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भिवानी में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

भिवानी में आयोजित राष्ट्रीय जलवायु सम्मेलन ने पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता को बढ़ावा दिया। इस कार्यक्रम में 50 से अधिक संगठनों ने भाग लिया और सभी ने जलवायु परिवर्तन से लड़ने की जिम्मेदारी को साझा किया। विधायक घनश्याम सर्राफ और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने इस आंदोलन की महत्ता पर जोर दिया। जानें इस ऐतिहासिक आयोजन के बारे में और कैसे यह भिवानी को हरित योद्धाओं की भूमि बना रहा है।
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भिवानी में जलवायु परिवर्तन पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन

पर्यावरण संरक्षण के लिए सरकार की प्रतिबद्धता


  • क्लाइमेट कांफ्रेंस में देशभर के 50 से अधिक सामाजिक, शैक्षिक, और पर्यावरणीय संगठनों ने लिया भाग


(Bhiwani News) भिवानी। भारत में पहली बार जलवायु परिवर्तन पर केंद्रित राष्ट्रीय क्लाइमेट कांफ्रेंस ने भिवानी को पर्यावरणीय जागरूकता के राष्ट्रीय मानचित्र पर महत्वपूर्ण स्थान दिलाया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का नेतृत्व पर्यावरण कार्यकर्ता और स्टैंड विद नेचर के संस्थापक डॉ. लोकेश भिवानी ने किया।


यह कार्यक्रम टीआईटी एंड एस के ऑडिटोरियम में आयोजित किया गया, जिसमें देशभर के 50 से अधिक सामाजिक, शैक्षिक, और पर्यावरणीय संगठनों ने भाग लिया। सभी ने यह संदेश दिया कि जलवायु परिवर्तन से निपटना अब केवल वैज्ञानिकों या सरकारों की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है।


भिवानी अब हरित योद्धाओं की भूमि बन चुकी है


कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसमें बालयोगी महंत चरणदास महाराज, विधायक घनश्याम सर्राफ, टीआईटी एंड एस के निदेशक और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने भाग लिया। महंत चरणदास ने कहा कि प्रकृति की सेवा ही सच्ची पूजा है और भिवानी अब केवल साधुओं की भूमि नहीं, बल्कि हरित योद्धाओं की भूमि भी बन चुकी है। विधायक घनश्याम सर्राफ ने कहा कि स्टैंड विद नेचर अब एक राष्ट्रीय आंदोलन बन चुका है।


सरकार इस प्रयास को समर्थन देने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। डॉ. लोकेश भिवानी ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण एक दिन का आयोजन नहीं, बल्कि यह एक जीवनशैली है। कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित लोगों ने कम से कम एक पौधा लगाने का संकल्प लिया।