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भिवानी सरकारी स्कूल में हाजिरी घोटाला: लाखों की तनख्वाह, एक दिन की ड्यूटी

भिवानी के सरकारी स्कूल में एक गंभीर हाजिरी घोटाले का मामला सामने आया है, जहां शिक्षक लाखों की तनख्वाह लेकर भी नियमित रूप से स्कूल नहीं आते। स्कूल की स्थिति भी चिंताजनक है, जहां बुनियादी ढांचे की कमी और स्टाफ की लापरवाही बच्चों की सुरक्षा के लिए खतरा बन गई है। प्रशासन ने इस पर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और शिक्षा प्रणाली की खामियों के बारे में।
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भिवानी सरकारी स्कूल में हाजिरी घोटाला: लाखों की तनख्वाह, एक दिन की ड्यूटी

भिवानी स्कूल में हाजिरी घोटाला

भिवानी के सरकारी स्कूल में एक गंभीर हाजिरी घोटाले का मामला सामने आया है, जिसने शिक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर किया है। गांव शेरला के राजकीय उच्च विद्यालय में शिक्षक महीने की हाजिरी केवल एक दिन में लगाकर गायब हो जाते हैं। एसएमसी के प्रधान रामफल ने बताया कि यहां के शिक्षक एक लाख रुपये से अधिक वेतन प्राप्त करते हैं, लेकिन नियमित रूप से स्कूल नहीं आते। कुछ शिक्षक तो 2-4 दिन में एक बार आकर हाजिरी रजिस्टर पर हस्ताक्षर करते हैं और फिर चले जाते हैं।


स्कूल की स्थिति चिंताजनक

जब शुक्रवार को एसएमसी के प्रधान और स्थानीय पत्रकार स्कूल पहुंचे, तो वहां केवल दो शिक्षक उपस्थित थे, जबकि अन्य स्टाफ अनुपस्थित था। क्लर्क और चौकीदार तो थे, लेकिन दोनों चपरासी गायब थे। यह स्थिति दर्शाती है कि शिक्षक हाजिरी घोटाला किस हद तक बढ़ चुका है।


बुनियादी ढांचे की कमी

स्कूल की इमारत भी बदहाल स्थिति में है। कई कमरों की छत से पानी टपक रहा है, बरामदे का लेंटर उखड़ा हुआ है और छतों पर घास उगी हुई है। यह दृश्य बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन चुका है।


शिक्षकों की लापरवाही

एक शिक्षक ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि यहां कोई भी दूर-दराज से नहीं आता, फिर भी समय से पहले घर चले जाते हैं। अधिकांश बच्चे अनुसूचित जाति और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से हैं, इसलिए कोई शिकायत नहीं करता और अधिकारी भी जांच के लिए नहीं आते।


अन्य स्टाफ की लापरवाही

यहां कार्यरत महिला सफाईकर्मी महीने में केवल एक बार आती हैं। उनकी जगह एक युवक को ₹5,000 में काम पर रखा गया है, जो कभी-कभार ही आता है। वहीं, एक चपड़ासी खुद को जिला शिक्षा अधिकारी से कम नहीं समझता और अपने कमरे से बाहर नहीं निकलता।


प्रशासन की प्रतिक्रिया

रोडवेज जीएम दीपक कुंडू ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे लापरवाह अध्यापकों के लिए अलग रूट मैप बनाकर बस सुविधा दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि लाखों की तनख्वाह लेने वाले शिक्षक इस तरह की लापरवाही करें, यह हैरानी की बात है।