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मणिपुर में हमले से चार की मौत, तनाव बढ़ा

मणिपुर के चुराचांदपुर जिले में एक घातक हमले में चार लोगों की मौत हो गई, जिसमें एक प्रमुख उग्रवादी नेता भी शामिल है। पुलिस ने हमले की जांच शुरू कर दी है और क्षेत्र में सुरक्षा बढ़ा दी है। इस घटना ने कुकी समुदाय के बीच चल रहे संघर्ष को और बढ़ा दिया है, जिससे स्थानीय प्रशासन और नागरिकों में चिंता बढ़ गई है। जानें इस हमले के पीछे की कहानी और प्रशासन की प्रतिक्रिया के बारे में।
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मणिपुर में हमले से चार की मौत, तनाव बढ़ा

मणिपुर के चुराचांदपुर में घातक हमला

सोमवार, 30 जून को मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के के. मोंगजांग गांव में दोपहर लगभग 1 बजे अज्ञात सशस्त्र हमलावरों ने एक वाहन पर हमला किया, जिसमें चार व्यक्तियों की जान चली गई। पुलिस के अनुसार, यह घटना कुकी उग्रवादी समूहों के बीच चल रहे संघर्ष का परिणाम मानी जा रही है। इस हमले में वाहन में सवार तीन लोगों की मौके पर ही मृत्यु हो गई, जबकि एक घायल महिला बाद में अस्पताल में दम तोड़ दी।


मृतकों में प्रमुख उग्रवादी नेता

सूत्रों के अनुसार, मृतकों में कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन/कुकी नेशनल आर्मी (KNO/KNA) के डिप्टी कमांडर-इन-चीफ थंगबोई हाओकिप, जिन्हें थाहपी के नाम से जाना जाता है, भी शामिल हैं।


हमले की जिम्मेदारी का रहस्य

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, अब तक किसी भी उग्रवादी समूह ने इस हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है, और अधिकारियों ने हमलावरों की पहचान की पुष्टि नहीं की है। हालांकि, पुलिस को संदेह है कि इस हमले में यूनाइटेड कुकी नेशनल आर्मी (UKNA) शामिल हो सकती है, जो KNO/KNA के साथ तनावपूर्ण संबंधों के लिए जानी जाती है।


घटनास्थल से मिले सबूत

पुलिस ने बताया कि घटनास्थल से कई 5.56 मिमी के खाली कारतूस बरामद किए गए हैं, जो उन्नत हथियारों के उपयोग का संकेत देते हैं। वाहन पर कई गोलियों के निशान भी पाए गए हैं। इस हमले ने क्षेत्र में तनाव को और बढ़ा दिया है, और थाहपी जैसे वरिष्ठ कमांडर की हत्या से प्रतिशोधी हिंसा की आशंका बढ़ गई है। प्रशासन ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है और जांच शुरू कर दी है।


क्षेत्र में बढ़ता तनाव

इस हमले ने मणिपुर में कुकी समुदाय के विभिन्न उग्रवादी गुटों के बीच चल रहे संघर्ष को और उजागर किया है। थाहपी की हत्या से स्थिति और बिगड़ सकती है, जिससे स्थानीय लोग और प्रशासन दोनों चिंतित हैं। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किए हैं, ताकि किसी भी संभावित हिंसा को रोका जा सके।