Newzfatafatlogo

मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू, जानें क्या हैं नए नियम

चुनाव आयोग ने पूरे देश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण की प्रक्रिया की घोषणा की है। इस प्रक्रिया में अधिकांश मतदाताओं को दस्तावेज दिखाने की आवश्यकता नहीं होगी। नए मतदाताओं के लिए कुछ नियम हैं, जैसे कि जन्म प्रमाण पत्र और माता-पिता के दस्तावेज। आयोग ने कहा है कि यह प्रक्रिया सभी राज्यों में एक साथ होगी और बिहार के अनुभवों के आधार पर सुधार किए जाएंगे। जानें इस प्रक्रिया के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।
 | 
मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण की प्रक्रिया शुरू, जानें क्या हैं नए नियम

मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण

नई दिल्ली। बिहार के मॉडल पर पूरे देश में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) किया जाएगा। चुनाव आयोग ने बुधवार को इस संबंध में जानकारी साझा की। आयोग ने बताया कि इस पुनरीक्षण के दौरान अधिकांश राज्यों में आधे से अधिक मतदाताओं को किसी दस्तावेज की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उनके नाम पहले से बनी मतदाता सूची में शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि कई राज्यों में एसआईआर की प्रक्रिया 2002 से 2004 के बीच संपन्न हुई थी।


चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि जिन व्यक्तियों के नाम पिछली बार के एसआईआर के बाद बनी मतदाता सूची में हैं, उन्हें अपनी जन्मतिथि या जन्मस्थान प्रमाणित करने के लिए कोई नया दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करना होगा। यदि किसी राज्य में 2004 में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण हुआ था, तो उस समय की सूची और वर्तमान सूची का मिलान किया जाएगा। जिनके नाम दोनों में होंगे, उन्हें कोई दस्तावेज नहीं देना होगा।


हालांकि, जो नए मतदाता बनना चाहते हैं, उन्हें एक डिक्लेरेशन फॉर्म भरना होगा, जिसमें उन्हें यह बताना होगा कि उनका जन्म भारत में कब हुआ। इसके अलावा, 1987 के बाद जन्मे व्यक्तियों को अपने माता-पिता के दस्तावेज दिखाने होंगे। चुनाव आयोग के अनुसार, एक जुलाई 1987 से पहले जन्मे व्यक्तियों को अपना जन्म प्रमाण पत्र देना होगा। वहीं, एक जुलाई 1987 से दो दिसंबर 2004 के बीच जन्मे लोगों को माता-पिता के जन्म या नागरिकता के दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे। दो दिसंबर 2004 के बाद जन्मे व्यक्तियों को यह साबित करना होगा कि उनके माता-पिता में से कम से कम एक भारतीय नागरिक है और दूसरा अवैध प्रवासी नहीं है।


चुनाव आयोग ने अभी एसआईआर की तारीखों की घोषणा नहीं की है, लेकिन यह सभी राज्यों में एक साथ आयोजित किया जाएगा। बिहार से प्राप्त अनुभवों के आधार पर आयोग अपनी प्रक्रिया में सुधार करने की योजना बना रहा है। आयोग के सूत्रों के अनुसार, लगभग दो लाख नए बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) जोड़े जाएंगे, और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि हर 250 घरों पर कम से कम एक चुनाव प्रतिनिधि मौजूद हो। उल्लेखनीय है कि 10 सितंबर को चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य चुनाव अधिकारियों के साथ बैठक की थी, जिसमें मिले सुझावों के आधार पर एसआईआर का रोडमैप तैयार किया जा रहा है।