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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नए कानूनी सुधारों की सराहना की

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में देश के कानूनी ढांचे में हुए परिवर्तनों की प्रशंसा की। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पुराने कानूनों को समाप्त कर एक नई प्रणाली को अपनाया गया है, जो आम नागरिकों को तेज और सस्ता न्याय प्रदान करेगी। नए कानूनों के तहत, न्याय प्रक्रिया में सुधार लाने का लक्ष्य है, जिससे लोगों को अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। इस लेख में जानें कि ये सुधार कैसे 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं।
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मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने नए कानूनी सुधारों की सराहना की

नए कानूनी ढांचे की प्रशंसा

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने हाल ही में देश के कानूनी ढांचे में हुए परिवर्तनों की सराहना की। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पुराने और अप्रासंगिक कानूनों को समाप्त कर एक नई और आधुनिक कानूनी प्रणाली को अपनाया है, जो वर्तमान भारत की आवश्यकताओं को पूरा करती है।


मुख्यमंत्री ने भारतीय न्याय संहिता और नए आपराधिक कानूनों पर आयोजित एक कार्यक्रम में यह बात कही। उन्होंने बताया कि देश का न्याय तंत्र दशकों से "तारीख पर तारीख" की समस्या से जूझ रहा था, जिससे लोगों को समय पर न्याय नहीं मिल पाता था। पीएम मोदी द्वारा लाए गए नए कानूनों का उद्देश्य इस व्यवस्था में सुधार करना है।


सीएम यादव ने कहा, "पीएम मोदी ने गुलामी के समय के 200 से अधिक कानूनों को समाप्त कर तीन नए आपराधिक कानून लागू किए हैं। यह केवल कानूनों में बदलाव नहीं है, बल्कि न्याय के प्रति दृष्टिकोण में बदलाव है।"


उन्होंने यह भी कहा कि इन सुधारों का सबसे बड़ा लाभ आम नागरिक को होगा। अब न्याय की प्रक्रिया तेज होगी और लोगों को अदालतों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पहले न्याय प्राप्त करना महंगा और समय लेने वाला था, लेकिन अब यह आम लोगों के लिए सुलभ होगा।


नए सुधारों के तहत, पीएम मोदी की सरकार ने भारतीय दंड संहिता (IPC), दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC), और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के स्थान पर तीन नए कानून लागू किए हैं। सीएम यादव ने कहा कि यह सुधार 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां देश अपने कानून खुद बना रहा है जो उसकी मिट्टी और मूल्यों से जुड़े हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इन परिवर्तनों से भारत की न्यायपालिका और मजबूत होगी।