मध्य प्रदेश में डिजिटल अरेस्ट का नया मामला: वकील को तीन घंटे तक रखा बंधक
डिजिटल अरेस्ट की बढ़ती घटनाएं
नई दिल्ली: डिजिटल अरेस्ट की घटनाएं तेजी से बढ़ रही हैं, जिसमें लोग स्कैमर्स के जाल में फंसते जा रहे हैं। मध्य प्रदेश में एक नया मामला सामने आया है, जहां एंटी-टेररिस्ट स्क्वाड (ATS) के अधिकारी बनकर साइबर ठगों ने एक व्यक्ति को तीन घरों तक बंधक रखा।
भोपाल के वकील का अनुभव
भोपाल के एक वकील, शमशुल हसन, को तीन घंटे तक डिजिटल अरेस्ट में रखा गया। स्कैमर्स ने उन्हें बताया कि वे पहलगाम आतंकी हमले की जांच में शामिल हैं।
घटना का स्थान
यह घटना कोहेफिजा पुलिस स्टेशन क्षेत्र में हुई। हसन को एक व्यक्ति का फोन आया, जिसने खुद को एटीएस अधिकारी बताया और कहा कि उनकी जांच में हसन का नाम आया है। कॉलर ने चेतावनी दी कि अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो उन्हें और उनके परिवार को गिरफ्तार किया जाएगा।
इसके बाद, कॉलर ने हसन को लगातार वीडियो कॉल पर व्यस्त रखा और उन्हें किसी से बात करने से मना किया। घबराहट में, हसन ने उनकी बात मान ली और लगभग तीन घंटे तक कमरे में बंद रहे। लेकिन जब उनके बेटे ने उनके अजीब व्यवहार को देखा, तो उन्होंने कोहेफिजा पुलिस को सूचित किया।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने हसन के घर पहुंचकर स्कैमर्स के नंबर पर संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वह नंबर ब्लॉक था। एहतियात के तौर पर, उस नंबर को हसन के फोन पर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। फिलहाल, मामले की जांच जारी है।
डिजिटल अरेस्ट से बचने के उपाय
अगर कोई कॉल पर आपको तुरंत कार्रवाई करने के लिए कहता है और धमकी देता है, तो सतर्क रहें, यह स्कैम हो सकता है।
अगर कोई ऐसा संदेश या कॉल आता है जिसमें आधिकारिक भाषा का उपयोग किया गया हो, तो यह स्कैम हो सकता है।
UPI या बैंक ट्रांसफर के माध्यम से तुरंत पैसे ट्रांसफर करने की मांग, स्कैम का हिस्सा है।
अगर आपसे बैंकिंग क्रेडेंशियल्स मांगे जाएं, तो समझें कि यह स्कैम है।
बिना किसी वैध दस्तावेज के अगर कोई आपको गिरफ्तार करने की बात करता है, तो यह स्कैम है।
