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मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन के मामले में पांच गिरफ्तार

मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में धर्म परिवर्तन के एक गंभीर मामले में पुलिस ने चार सरकारी कर्मचारियों सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि ये आरोपी अनुसूचित जनजाति के लोगों को प्रलोभन देकर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहे थे। जांच में अब तक 50 लोगों के धर्म परिवर्तन की पुष्टि हो चुकी है, और पुलिस इस मामले में फंडिंग नेटवर्क की भी जांच कर रही है। प्रशासनिक स्तर पर भी मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
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मध्य प्रदेश में धर्म परिवर्तन के मामले में पांच गिरफ्तार

धर्म परिवर्तन का मामला


भोपाल: मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में एक गंभीर धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। पुलिस ने बदरवास थाना क्षेत्र में त्वरित कार्रवाई करते हुए चार सरकारी कर्मचारियों सहित पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई केवल छह घंटे के भीतर की गई, जिसके बाद सभी आरोपियों को न्यायिक प्रक्रिया के तहत जेल भेज दिया गया।


पुलिस के अनुसार, आरोप है कि ये आरोपी पिछले चार से पांच वर्षों से अनुसूचित जनजाति के लोगों को लक्षित कर ईसाई धर्म में परिवर्तित कर रहे थे। इन परिवारों को बेहतर भविष्य, शिक्षा और आर्थिक सहायता का प्रलोभन देकर धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित किया जा रहा था। जांच में यह भी सामने आया है कि हर व्यक्ति को लगभग 25 हजार रुपये का प्रलोभन दिया जा रहा था।


धर्म परिवर्तन की पुष्टि

अब तक 50 लोगों के धर्म परिवर्तन की पुष्टि


पुलिस जांच में अब तक लगभग 50 लोगों के धर्म परिवर्तन की पुष्टि हो चुकी है। अधिकारियों का कहना है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, यह संख्या और बढ़ सकती है। फिलहाल, पुलिस सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए मामले की गहराई से जांच कर रही है ताकि पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।


इस मामले में केवल धर्म परिवर्तन ही नहीं, बल्कि इसके पीछे के फंडिंग नेटवर्क की भी जांच की जा रही है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि आरोपियों को धन कहां से मिल रहा था और क्या इस पूरे मामले में और लोग भी शामिल हैं। अधिकारियों का कहना है कि जांच के दौरान नए नाम सामने आ सकते हैं।


गिरफ्तार आरोपियों की जानकारी

चार सरकारी कर्मचारी गिरफ्तार


गिरफ्तार किए गए पांच आरोपियों में चार सरकारी कर्मचारी हैं, जो मामले को और गंभीर बनाते हैं। प्रशासनिक स्तर पर भी इस प्रकरण को गंभीरता से लिया जा रहा है। संबंधित विभागों से जानकारी जुटाई जा रही है ताकि आगे की विभागीय कार्रवाई पर निर्णय लिया जा सके।


जांच में यह भी सामने आया है कि बहादुर भील और सोमला भील के घरों में नियमित रूप से बैठकें आयोजित की जाती थीं। इन बैठकों में लोगों को धर्म परिवर्तन के कथित लाभ बताए जाते थे और मानसिक दबाव बनाया जाता था। पुलिस का कहना है कि ये बैठकें लंबे समय से चल रही थीं।