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मध्य प्रदेश में मृतकों के खिलाफ एफआईआर: प्रशासन की लापरवाही पर सवाल

मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक अजीब मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने दो मृतकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। यह घटना एक भूमि विवाद से जुड़ी है, जिसमें मृतकों के नाम रिपोर्ट में शामिल कर लिए गए। परिजनों ने पुलिस से सवाल उठाए हैं कि कैसे मृत व्यक्तियों को आरोपी बनाया जा सकता है। प्रशासन ने इसे तकनीकी भूल बताया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। विपक्ष ने इस पर सरकार को घेरते हुए कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई है। क्या दोषियों पर कार्रवाई होगी? जानें पूरी कहानी।
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अजीब मामला सामने आया


मध्य प्रदेश के विदिशा जिले में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां पुलिस ने दो व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है, जो लगभग 10 साल पहले ही निधन हो चुके हैं। यह घटना सिरोंज थाना क्षेत्र की है, जहां एक भूमि विवाद के चलते मृतकों के नाम रिपोर्ट में शामिल कर लिया गया।


परिजनों के पास मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र मौजूद हैं, जो यह दर्शाते हैं कि उनकी मृत्यु एक दशक पहले हुई थी। जैसे ही यह मामला उजागर हुआ, पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया। परिवार के सदस्यों ने थाने जाकर पुलिस से सवाल उठाए कि कैसे मृत व्यक्तियों को आरोपी बनाया जा सकता है।


पुलिस प्रशासन ने इसे एक 'तकनीकी भूल' करार देते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं। विदिशा के एसपी ने कहा कि यदि जांच में लापरवाही पाई जाती है, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।


इस घटना ने न केवल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं, बल्कि यह भी दर्शाया है कि किस प्रकार बिना उचित जांच के एफआईआर दर्ज की जाती है। विपक्ष ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर हो चुकी है, और अब मृतक भी अपराधी घोषित किए जा रहे हैं।


अब यह देखना होगा कि क्या दोषियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई की जाएगी या मामला फिर से ठंडे बस्ते में चला जाएगा।