Newzfatafatlogo

मध्य प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं से यात्रियों को मिलेगी नई सुविधाएं

मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए एक नई खुशखबरी आई है, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दो महत्वपूर्ण रेलवे परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। रतलाम-नागदा और वर्धा-बल्लारशाह के बीच चौथी रेल लाइन से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा। इन परियोजनाओं से न केवल माल ढुलाई की क्षमता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। जानें इन परियोजनाओं की लागत, लाभ और समयबद्धता में सुधार के बारे में।
 | 
मध्य प्रदेश में रेलवे परियोजनाओं से यात्रियों को मिलेगी नई सुविधाएं

मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी


मध्य प्रदेश समाचार: मध्य प्रदेश के रेल यात्रियों के लिए एक सकारात्मक विकास हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल ने भारतीय रेलवे की दो महत्वपूर्ण मल्टी ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का लाभ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के चार जिलों को मिलेगा। इसमें रतलाम-नागदा सेक्शन में तीसरी और चौथी रेलवे लाइन तथा वर्धा-बल्लारशाह की चौथी रेल लाइन शामिल हैं। 


रतलाम-नागदा परियोजना का महत्व

रतलाम-नागदा रेल परियोजना मध्य प्रदेश के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इससे क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में सुधार होगा और परिवहन क्षमता में वृद्धि होगी। इस परियोजना से 18.40 मिलियन टन प्रति वर्ष अतिरिक्त माल ढुलाई की क्षमता का सृजन होगा। इस संदर्भ में, एमपी के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को परियोजना की मंजूरी के लिए धन्यवाद दिया।


परियोजनाओं की लागत

लागत का अनुमान

इन परियोजनाओं के माध्यम से भारतीय रेलवे नेटवर्क में लगभग 176 किलोमीटर की वृद्धि होगी। वर्तमान में, इन रेल परियोजनाओं पर 1018 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है, जबकि कुल लागत 3,399 करोड़ रुपये आंकी गई है। इन परियोजनाओं को 2029-30 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।


रेलवे से मिलने वाले लाभ

मध्य प्रदेश को नई ट्रेनों की सौगात

ये परियोजनाएं देश की लॉजिस्टिक लागत, तेल आयात (20 करोड़ लीटर) और कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन को कम करेंगी, जो 4 करोड़ पेड़ लगाने के बराबर है। निर्माण कार्यों के दौरान लगभग 74 लाख मानव-दिवसों का प्रत्यक्ष रोजगार सृजन होगा। लाइन क्षमता में वृद्धि से परिचालन दक्षता, सेवा विश्वसनीयता और गतिशीलता में सुधार होगा। ये परियोजनाएं प्रधानमंत्री के "नए भारत" और "आत्मनिर्भर भारत" के विजन को साकार करेंगी, जिससे क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।


महाराष्ट्र में राहत

महाराष्ट्र में राहत

महाराष्ट्र के वर्धा-बल्लारशाह के बीच 79 किमी रूट पर चौथी लाइन बिछाई जाएगी। वर्तमान में, दिल्ली-चेन्नई मालगाड़ी को 45-50 घंटे लगते हैं, लेकिन नई लाइन से यह समय घटकर 35 घंटे हो जाएगा। इससे चेन्नई, बेंगलुरु से आने वाली राजधानी, तमिलनाडु, तेलंगाना एक्सप्रेस जैसी यात्री ट्रेनें भी समय पर चलेंगी।


समयबद्धता में सुधार

लाभ - समयबद्धता में सुधार

  • फोरलेन ब्रॉडगेज होने से ट्रेनों के संचालन की गति और क्षमता बढ़ेगी।
  • दिल्ली-मुंबई जैसे व्यस्त मार्ग पर ट्रेनों की समयबद्धता में सुधार होगा।
  • परिचालन में संतुलन बनेगा।
  • अधिक लाइनों के चलते यातायात दबाव कम होगा।
  • माल ढुलाई तेज होने से व्यापारिक क्षेत्र को लाभ मिलेगा।
  • नवीन ट्रेन सेवाओं की संभावना बढ़ेगी।