मध्य प्रदेश में होटल और रेस्टोरेंट के लिए नए नियम: शाकाहारी और मांसाहारी भोजन की पहचान

होटल और रेस्टोरेंट के लिए नए नियम
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा नया नियम: मध्य प्रदेश में खाने-पीने से संबंधित नए नियम लागू किए गए हैं। हाल के दिनों में, देशभर में खाने-पीने से जुड़े कई वीडियो वायरल हुए हैं, जिससे होटल और रेस्टोरेंट में ग्राहकों का विश्वास जीतना आवश्यक हो गया है।
इसी संदर्भ में, मध्य प्रदेश सरकार ने नियमों में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। नए नियमों के अनुसार, अब होटल और रेस्टोरेंट के बाहर यह स्पष्ट रूप से दर्शाना अनिवार्य होगा कि वहां शाकाहारी (वेज) या मांसाहारी (नॉनवेज) भोजन परोसा जा रहा है।
भोजन की पहचान के लिए रंगों का उपयोग:
नए नियमों के तहत, शाकाहारी भोजन परोसने वाले रेस्टोरेंट्स को अपने प्रवेश द्वार पर हरे गोल निशान का उपयोग करना होगा। वहीं, मांसाहारी भोजन परोसने वाले रेस्टोरेंट्स के लिए लाल गोल निशान अनिवार्य होगा। यदि कोई रेस्टोरेंट दोनों प्रकार के भोजन उपलब्ध कराता है, तो उसे आधा हरा और आधा लाल निशान प्रदर्शित करना होगा। यह व्यवस्था ग्राहकों को बाहर से ही भोजनालय की प्रकृति समझने में मदद करेगी, जिससे समय की बचत होगी और उनकी पसंद के अनुसार विकल्प चुनना आसान होगा।
मध्य प्रदेश सरकार ने पारदर्शिता को बढ़ावा देने के लिए एक और कदम उठाया है। अब हर होटल और रेस्टोरेंट को अपने मालिक का नाम और लाइसेंस विवरण बाहर प्रदर्शित करना होगा। यह नियम ग्राहकों में विश्वास जगाएगा कि वे एक वैध और भरोसेमंद स्थान पर भोजन कर रहे हैं। इस कदम से अवैध या असुरक्षित खानपान प्रतिष्ठानों पर लगाम लगेगी।
FSSAI नियमों में संशोधन की योजना:
सरकार का ध्यान केवल रेस्टोरेंट तक सीमित नहीं है। राज्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल ने बताया कि फूड डिलीवरी सेवाओं में भी शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को अलग-अलग रखने की योजना है। शाकाहारी भोजन की डिलीवरी के लिए विशेष रूप से शाकाहारी डिलीवरी बॉय नियुक्त किए जाएंगे, ताकि खाने की शुद्धता और गुणवत्ता बनी रहे। इस कदम से उपभोक्ताओं का भरोसा और बढ़ेगा।
इस नई व्यवस्था को लागू करने के लिए मध्य प्रदेश सरकार खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम (एफएसएसएआई) में संशोधन करने की योजना बना रही है। जिस तरह पैकेटबंद खाद्य पदार्थों पर हरे और लाल निशान अनिवार्य हैं, उसी तरह अब रेस्टोरेंट्स के लिए भी यह नियम लागू होगा। यह कदम खानपान उद्योग में एकरूपता लाएगा।
उपभोक्ताओं के लिए लाभकारी कदम:
राज्य मंत्री ने कहा कि यदि यह नियम मध्य प्रदेश में सफल होता है, तो इसे राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने पर विचार किया जाएगा। इससे पूरे भारत में रेस्टोरेंट्स के बाहर वेज-नॉनवेज की पहचान करना अनिवार्य हो सकता है। यह उपभोक्ताओं को पहले से सूचित निर्णय लेने में सक्षम बनाएगा।
यह नया नियम उपभोक्ताओं के लिए समय और सुविधा दोनों की दृष्टि से लाभकारी है। लोग अपनी पसंद के अनुसार रेस्टोरेंट चुन सकेंगे, और खानपान में पारदर्शिता बढ़ेगी। मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम खानपान उद्योग में एक नया मानक स्थापित कर सकता है।