ममता बनर्जी का गंभीर आरोप: SIR प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग
ममता बनर्जी की चिंता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वोटर लिस्ट के विशेष इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने इसे खतरनाक और बिना योजना के बताया और इस प्रक्रिया को तुरंत रोकने की मांग की। उन्होंने चीफ इलेक्शन कमिश्नर ज्ञानेश कुमार को एक पत्र में इस मुद्दे को उठाया।
SIR प्रक्रिया पर ममता के आरोप
मुख्यमंत्री ने कहा कि SIR प्रणाली में कई खामियां हैं और इसे बिना उचित प्रशिक्षण और स्पष्ट दिशा-निर्देशों के जल्दबाजी में लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) और नागरिकों पर अत्यधिक बोझ डाला जा रहा है, जिससे स्थिति 'अमानवीय' हो गई है।
ममता ने कहा कि दस्तावेजों की जटिलताएं, सर्वर में गड़बड़ियां और डेटा में लगातार असंगति के कारण प्रक्रिया धीमी हो रही है। किसान धान की कटाई और रबी की बुवाई में व्यस्त हैं, जिससे उनकी भागीदारी में कठिनाई हो रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि बिना किसी बैठक या स्पष्टता के नोटिस जारी किए जा रहे हैं, और BLOs को अनुशासनात्मक कार्रवाई की धमकी दी जा रही है, जिससे सहयोग का माहौल नहीं बन रहा।
ममता ने जलपाईगुड़ी में एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता की आत्महत्या को SIR ड्यूटी के दबाव से जोड़ा है।
BSF की रिपोर्ट: अवैध क्रॉसिंग में वृद्धि
इस बीच, भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात BSF ने अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की संख्या में तेजी से वृद्धि की सूचना दी है। एक वरिष्ठ BSF अधिकारी ने कहा कि नॉर्थ 24 परगना, मुर्शिदाबाद और मालदा जैसे क्षेत्रों में अवैध आवागमन में 'क्वांटम जंप' देखा गया है।
पहले, ऐसे मामलों की संख्या मुश्किल से दो अंकों में पहुंचती थी, लेकिन अब हर दिन 150 से अधिक अवैध प्रवासी लौट रहे हैं।
BSF अधिकारियों ने बताया कि लोग छोटे बैग लेकर चेकपॉइंट पर आ रहे हैं और खुलेआम स्वीकार कर रहे हैं कि वे अवैध बांग्लादेशी प्रवासी हैं।
SIR का राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव
नौ राज्यों और तीन केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही SIR प्रक्रिया के तहत 50.35 करोड़ से अधिक मतदाताओं को पहले ही फॉर्म दिए जा चुके हैं।
