महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025: उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा

महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025
महर्षि वाल्मीकि जयंती 2025: उत्तर प्रदेश और दिल्ली में मंगलवार, 7 अक्टूबर 2025 को महर्षि वाल्मीकि जयंती के उपलक्ष्य में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की गई है। इस दिन सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज, शैक्षणिक संस्थान और सरकारी कार्यालय बंद रहेंगे। इस अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम, भजन-कीर्तन और शोभा यात्राएं आयोजित की जाएंगी, जिनमें वाल्मीकि जी के जीवन और रामायण के योगदान को सम्मानित किया जाएगा.
सरकारी अधिसूचना
महर्षि वाल्मीकि को आदिकवि और रामायण के रचनाकार के रूप में मान्यता प्राप्त है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस संबंध में एक आधिकारिक अधिसूचना जारी की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह निर्णय लिया गया कि राज्यभर में वाल्मीकि जयंती को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाएगा। यह अवकाश पहले से ही 2025 के आधिकारिक अवकाश कैलेंडर में शामिल था.
उत्तर प्रदेश में कार्यक्रम
उत्तर प्रदेश के लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी जैसे विभिन्न शहरों में सांस्कृतिक कार्यक्रम, झांकियां और सामुदायिक भोज आयोजित किए जाएंगे। सरकार ने आयोजनों के सुचारू संचालन और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा, स्थानीय समितियां और धार्मिक संगठन महर्षि वाल्मीकि की भक्ति और शिक्षा को उजागर करने वाले कार्यक्रम आयोजित करेंगे.
दिल्ली में सार्वजनिक अवकाश
दिल्ली में सार्वजनिक अवकाश की घोषणा
दिल्ली में भी मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सार्वजनिक अवकाश की पुष्टि की है। दिल्ली के सभी सरकारी और निजी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थान इस दिन बंद रहेंगे। राजधानी में करोल बाग और पहाड़गंज स्थित वाल्मीकि मंदिरों को विशेष रूप से सजाया जा रहा है। साथ ही, स्थानीय समितियां भजन-कीर्तन, शोभा यात्राएं और धार्मिक व्याख्यान आयोजित कर महर्षि वाल्मीकि की शिक्षाओं और आदर्शों को उजागर करेंगी.
वाल्मीकि जयंती का महत्व
वाल्मीकि जयंती का महत्व
वाल्मीकि जयंती आश्विन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है और यह हिन्दू धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह दिन न केवल महर्षि वाल्मीकि की साहित्यिक उपलब्धियों, जैसे रामायण की रचना, का स्मरण करता है, बल्कि समाज में समानता, ज्ञान और नैतिक मूल्यों के संदेश का प्रतीक भी माना जाता है। भारत भर में इस दिन श्रद्धालु मंदिरों में पूजा-अर्चना करेंगे, शोभा यात्राओं में भाग लेंगे और सामुदायिक सेवा में अपनी भागीदारी निभाएंगे। वाल्मीकि जयंती के अवसर पर देशव्यापी सांस्कृतिक और धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से महर्षि वाल्मीकि के योगदान को याद किया जाएगा और उनके आदर्शों को जीवन में अपनाने की प्रेरणा दी जाएगी.