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महाराष्ट्र में BMC चुनाव से पहले फडणवीस और राज ठाकरे की महत्वपूर्ण बैठक

महाराष्ट्र में BMC चुनावों से पहले मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे प्रमुख राज ठाकरे के बीच हुई बैठक ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। इस बैठक के महत्व को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, खासकर जब ठाकरे परिवार ने हाल ही में एकजुटता के संकेत दिए थे। पिछले कुछ वर्षों में ठाकरे परिवार की राजनीतिक स्थिति में गिरावट आई है, और अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या दोनों भाई फिर से एक साथ आते हैं। बीजेपी इस स्थिति को अपने लिए चुनौती मानती है।
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महाराष्ट्र में BMC चुनाव से पहले फडणवीस और राज ठाकरे की महत्वपूर्ण बैठक

BMC चुनाव 2025: सियासत में हलचल

BMC Election 2025: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। आज मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और मनसे के प्रमुख राज ठाकरे के बीच मुंबई के एक फाइव स्टार होटल में मुलाकात हुई। इस बैठक में हुई चर्चाओं को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं, लेकिन अभी तक दोनों पक्षों की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि हाल ही में ठाकरे परिवार ने एकजुटता के संकेत दिए थे।


ठाकरे परिवार का राजनीतिक उतार-चढ़ाव

मुंबई और महाराष्ट्र की राजनीति में ठाकरे परिवार का एक समय पर वर्चस्व था। हालांकि, अब यह परिवार धीरे-धीरे हाशिए पर चला गया है। 2019 के विधानसभा चुनावों के बाद, जब बीजेपी के साथ मुख्यमंत्री पद पर सहमति नहीं बनी, तो उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और शरद पवार के साथ मिलकर सरकार बनाई। लगभग दो साल बाद, एकनाथ शिंदे के इस्तीफे के बाद यह सरकार गिर गई। शिंदे की बगावत ने न केवल सरकार को गिराया, बल्कि पार्टी का नियंत्रण भी उद्धव ठाकरे के हाथ से छीन लिया।


चुनावों में झटके का सामना

चुनाव आयोग ने पार्टी के संविधान के आधार पर नाम और चुनाव चिन्ह शिंदे गुट को सौंप दिया। इसके बाद हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र में अच्छी बढ़त बनाई, जबकि उद्धव ठाकरे की शिवसेना को शिंदे गुट से एक सीट अधिक नहीं मिली। दोनों पार्टियों ने समान संख्या में सीटें जीतीं, जो उद्धव के लिए एक बड़ा झटका था। उन्हें उम्मीद थी कि वे सभी 18 सीटों पर जीत हासिल करेंगे। विधानसभा चुनाव में शिवसेना यूबीटी केवल 20 सीटों पर सिमट गई, जबकि अधिकांश मुकाबले शिंदे गुट से थे। इस प्रकार, उद्धव ठाकरे ने पिछले 20 वर्षों में पार्टी और जनता का विश्वास खो दिया है।


क्या ठाकरे बंधु फिर साथ आएंगे?

हाल के दिनों में यह चर्चा चल रही थी कि राज ठाकरे एक बार फिर उद्धव ठाकरे के साथ आ सकते हैं। इस पर लगातार पोस्टरबाजी हो रही थी। इसके बाद बीजेपी सक्रिय हुई और आज राज ठाकरे की बैठक हुई। अब देखना यह है कि ठाकरे परिवार की ओर से क्या प्रतिक्रिया आती है। बीजेपी नहीं चाहती कि दोनों भाई एक साथ आएं, क्योंकि ऐसा होने पर यह बीजेपी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है। महाराष्ट्र में बीजेपी पहली बार अपने दम पर सरकार बनाने की कोशिश कर रही है, हालांकि इस चुनाव में वह कुछ सीटों से पीछे रह गई थी।