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महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति, फसलों को हुआ बड़ा नुकसान

महाराष्ट्र में हाल ही में हुई भारी बारिश ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है, जिससे हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो गई हैं। कई गांवों का संपर्क टूट गया है और लोग परेशान हैं। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह दी है। जानें इस स्थिति का विस्तार से।
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महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति, फसलों को हुआ बड़ा नुकसान

महाराष्ट्र में बारिश का कहर

मुंबई। महाराष्ट्र में हाल के दिनों में हुई भारी बारिश ने तबाही मचा दी है। शहरों में जलभराव हो गया है, जिससे कई गांवों का संपर्क टूट गया है। लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। जल, जंगल और जमीन सभी प्रभावित हुए हैं। हजारों हेक्टेयर फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और लोग परेशान हैं। पिछले तीन दिनों से कई जिलों में बारिश जारी है, जिससे बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। घरों में पानी भर गया है, जिससे निवासियों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। वारणा बांध में भी बाढ़ के हालात बने हुए हैं। आज सुबह 10 बजे से 5,000 क्यूसेक पानी वक्रद्वार से और 1,630 क्यूसेक पानी पावर हाउस से छोड़ा गया है, जिससे कुल 6,630 क्यूसेक पानी वारणा नदी में प्रवाहित किया गया है। सड़कें जलमग्न हो गई हैं और नदियां उफान पर हैं। किसानों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि उनकी फसलें बारिश के कारण खराब हो गई हैं। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए आगे भी बारिश का अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों के निवासियों को सतर्क रहने की सलाह दी है।


महाराष्ट्र में भारी बारिश से बाढ़ की स्थिति, फसलों को हुआ बड़ा नुकसान

108 गांवों में 38,000 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। इसके अलावा, 53 मवेशी भी बाढ़ में बह गए हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, सबसे अधिक नुकसान सोयाबीन फसल को हुआ है। कई जिले बाढ़ की चपेट में आ चुके हैं, और मुखेड तालुका में भी बारिश का कहर जारी है। वाशिम में बाढ़ आ गई है, जहां की नदियां पैनगंगा, कांच और काटेपुर्णा में उफान पर हैं। सड़कों पर यातायात ठप हो गया है और नालियां चोक हो गई हैं। सरस्वती नदी के उफान के कारण कई मार्ग बंद हो चुके हैं। मौसम विभाग ने कोल्हापुर और अन्य क्षेत्रों में रेड अलर्ट जारी किया है। लगातार तीन दिनों से हो रही बारिश ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है, और लोग परेशान हैं। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।