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माकपा कार्यकर्ताओं का धरना: जन समस्याओं और चुनावी वादों की मांग

जींद में माकपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के पास धरना दिया, जिसमें उन्होंने जन समस्याओं और बीजेपी द्वारा किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की मांग की। धरने में लोकल कमेटी के सदस्य शामिल हुए और बाद में मांगों का ज्ञापन मुख्यमंत्री को भेजा गया। कार्यकर्ताओं ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी कई महत्वपूर्ण मांगें रखीं। जानें इस धरने के पीछे की पूरी कहानी।
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माकपा कार्यकर्ताओं का धरना: जन समस्याओं और चुनावी वादों की मांग

धरने का आयोजन


जींद में माकपा कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को लघु सचिवालय के पास जन समस्याओं और बीजेपी द्वारा किए गए चुनावी वादों को पूरा करने की मांग को लेकर धरना दिया। इस धरने की अध्यक्षता लोकल कमेटी के सदस्य रणबीर निर्जन ने की, जबकि संचालन पवन ने किया। बाद में, मांगों का ज्ञापन तहसीलदार के माध्यम से हरियाणा के मुख्यमंत्री को भेजा गया।


सरकार की नीतियों पर सवाल

राज्य सचिव मंडल के सदस्य रमेश चंद्र और संदीप जाजवान ने कहा कि भाजपा ने लोक लुभावने वादों के साथ चुनाव जीतने के बाद जनता की समस्याओं के समाधान के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने गरीब बच्चों के लिए सरकारी शिक्षा के ढांचे को कमजोर कर दिया है।


मकानों की किश्तों की मांग

चुनाव के दौरान करोड़ों लोगों को मकान देने का वादा किया गया था, लेकिन अब सरकार ने पहले किश्त देकर सैंकड़ों मकानों की किश्तें बकाया रखी हैं। कार्यकर्ताओं ने मांग की कि महिलाओं को बिना शर्त 2100 रुपये मासिक दिया जाए और सभी गांवों में पीने का साफ पानी उपलब्ध कराया जाए।


स्वास्थ्य और रोजगार की मांगें

55 वर्ष से ऊपर के सभी मजदूरों, किसानों और विकलांगों को 10 हजार रुपये मासिक पेंशन देने की मांग की गई। इसके अलावा, अस्पतालों में चिकित्सकों और दवाओं की व्यवस्था करने की भी आवश्यकता बताई गई।


अन्य महत्वपूर्ण मांगें

शिक्षकों की स्थायी भर्ती, सार्वजनिक परिवहन की सुविधा, और भूमि अधिग्रहण के माध्यम से भूमिहीन गरीबों को आवास देने की मांगें भी उठाई गईं।