मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार

नोबेल शांति पुरस्कार 2025
मारिया कोरिना मचाडो को सम्मानित किया गया: नॉर्वेजियन नोबेल समिति ने वेनेज़ुएला की विपक्षी नेता और लोकतंत्र की कार्यकर्ता मारिया कोरिना मचाडो को 2025 का नोबेल शांति पुरस्कार देने की घोषणा की है। उन्हें लोकतांत्रिक अधिकारों के प्रचार और तानाशाही से लोकतंत्र में शांतिपूर्ण संक्रमण के लिए उनके संघर्ष के लिए यह सम्मान दिया गया है।
समिति ने कहा कि यह पुरस्कार एक साहसी महिला को दिया गया है, जिसने अंधकार के बीच लोकतंत्र की मशाल को जलाए रखा। इस वर्ष के पुरस्कार की घोषणा से पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी संभावित विजेता माना जा रहा था, लेकिन अंततः यह सम्मान मचाडो को मिला।
मारिया कोरिना मचाडो का परिचय
मारिया कोरिना मचाडो वेंज़ुएला में लोकतांत्रिक आंदोलन की एक प्रमुख शख्सियत हैं। उन्होंने निकोलेस मादुरो की तानाशाही का विरोध किया और इसके बावजूद कई धमकियों, गिरफ्तारियों और राजनीतिक उत्पीड़न का सामना किया। मचाडो ने देश छोड़ने के बजाय वेंज़ुएला में रहकर शांतिपूर्ण विरोध और स्वतंत्र चुनावों के महत्व को बनाए रखा।
वर्ष 2024 के विवादास्पद चुनावों में जब उनकी उम्मीदवारी को सरकार ने रोक दिया, तब माचाडो ने विपक्षी प्रतिनिधि एडमुंडो गोंजालेज उर्रुतिया का समर्थन किया। उन्होंने नागरिकों के नेतृत्व में मतदान केंद्रों की निगरानी, मतगणना का दस्तावेजीकरण और चुनावी धोखाधड़ी को उजागर करने का कार्य किया, जबकि सरकार ने विरोध को दबाने की कोशिश की। नोबेल समिति ने कहा, “मारिया कोरिना मचाडो ने दिखाया कि लोकतंत्र के उपकरण शांति के भी उपकरण हैं। वे एक बेहतर भविष्य की उम्मीद का प्रतीक हैं, जहां नागरिकों के मूल अधिकार सुरक्षित हों और उनकी आवाज़ सुनी जाए।”
राजनीतिक और सामाजिक योगदान
- माचाडो Vente Venezuela पार्टी की राष्ट्रीय समन्वयक हैं, जिसे उन्होंने 2013 में स्थापित किया। वे 2010 से 2015 तक राष्ट्रीय असेंबली की सदस्य भी रही हैं।
- उन्होंने Súmate और SoyVenezuela जैसे प्लेटफॉर्म की स्थापना की, जो स्वतंत्र चुनाव और लोकतांत्रिक बदलाव को बढ़ावा देते हैं।
- 2014 में उन्होंने अमेरिकी राज्य संगठन (OAS) में मानवाधिकार उल्लंघनों की शिकायत की और इसके बाद संसद से निष्कासित कर दी गईं। उन्हें देशद्रोह और साजिश के आरोपों का सामना करना पड़ा, साथ ही यात्रा प्रतिबंध और राजनीतिक अयोग्यता झेलनी पड़ी।
अंतरराष्ट्रीय सम्मान
मारिया कोरिना मचाडो को बीबीसी की 100 सबसे प्रभावशाली महिलाओं (2018) में शामिल किया गया। इसके अलावा, उन्हें Charles T. Manatt Prize (2014), Libertad Cortes de Cádiz (2015), और Liberal International Freedom Prize (2019) जैसे पुरस्कार भी मिल चुके हैं। वे वेंज़ुएला के तेल उद्योग के निजीकरण, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थाओं के साथ पुनः जुड़ाव और आर्थिक सुधार के पक्षधर हैं। माचाडो ने Universidad Católica Andrés Bello से औद्योगिक इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की और IESA से वित्त में विशेष अध्ययन किया।
नोबेल शांति पुरस्कार का महत्व
नोबेल शांति पुरस्कार के लिए उम्मीदवारों का नामांकन बेहद गोपनीय और कड़ा होता है। नामांकन केवल योग्य व्यक्तियों द्वारा ही किया जा सकता है, जैसे राष्ट्रीय सरकारों के सदस्य, संबंधित क्षेत्रों के प्रोफेसर, पिछले पुरस्कार विजेता और शांति अनुसंधान संस्थानों के निदेशक। स्वयं नामांकन स्वीकार नहीं किया जाता।
नामांकन की समीक्षा के बाद, नोर्वेजियन नोबेल कमेटी विजेताओं का चयन करती है। शांति पुरस्कार अन्य नोबेल पुरस्कारों से अलग, ओस्लो, नॉर्वे में प्रस्तुत किया जाता है। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों या संगठनों को दिया जाता है जिन्होंने शांति, राष्ट्रों के बीच भाईचारा या सैन्य बलों में कमी में उल्लेखनीय योगदान दिया हो।
इतिहास में नोबेल शांति पुरस्कार 106 बार प्रदान किया गया है और 19 बार इसे असंगत परिस्थितियों के कारण रोका गया। कुल 143 विजेताओं में से 20 महिलाएं हैं, जिनमें 1905 में पहला महिला विजेता बरथा वॉन सटनर थीं।
मारिया कोरिना माचाडो की जीत न केवल वेंज़ुएला बल्कि पूरी दुनिया में लोकतंत्र और शांतिपूर्ण प्रतिरोध के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका साहस और प्रतिबद्धता यह दिखाती है कि लोकतंत्र और शांति आपस में जुड़े हुए हैं और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में सबसे बड़ी ताकत हैं।