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मिज़ोरम से दिल्ली के लिए पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिज़ोरम से दिल्ली के लिए पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन का उद्घाटन करने जा रहे हैं। यह ट्रेन सैरंग स्टेशन को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से जोड़ेगी और इसकी नियमित सेवा 19 सितंबर से शुरू होगी। ट्रेन 2,510 किमी की दूरी 43 घंटे 25 मिनट में तय करेगी। जानें इस ट्रेन के यात्रा समय, प्रमुख स्टेशनों की सूची और परियोजना के महत्व के बारे में।
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मिज़ोरम से दिल्ली के लिए पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन का शुभारंभ

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा ट्रेन का उद्घाटन


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मिज़ोरम से दिल्ली के लिए पहली राजधानी एक्सप्रेस ट्रेन को हरी झंडी दिखाने जा रहे हैं। यह ट्रेन सैरंग स्टेशन (आइज़ोल) को दिल्ली के आनंद विहार टर्मिनल से जोड़ेगी। इसकी नियमित सेवा 19 सितंबर से शुरू होने की योजना है।


ट्रेन की गति और यात्रा का समय

यह राजधानी एक्सप्रेस मिज़ोरम और दिल्ली के बीच पहली सीधी रेल सेवा होगी। ट्रेन 57.81 किमी/घंटा की औसत गति से 43 घंटे 25 मिनट में 2,510 किमी की दूरी तय करेगी।


ट्रेन का समय और यात्रा विवरण

यह ट्रेन 20 डिब्बों के साथ सुबह 10 बजे सैरंग स्टेशन से रवाना होगी और सोमवार सुबह 7:30 बजे आनंद विहार पहुंचेगी। ट्रेन संख्या 20597 के तहत, यह 19 सितंबर को शाम 4:30 बजे सैरांग से निकलेगी और 21 सितंबर को सुबह 10:50 बजे दिल्ली पहुंचेगी। वापसी में, ट्रेन संख्या 20598 के तहत, यह 21 सितंबर को शाम 7:50 बजे आनंद विहार से रवाना होगी और 23 सितंबर को दोपहर 3:15 बजे सैरांग पहुंचेगी।


स्टेशनों की सूची

राजधानी एक्सप्रेस 21 स्टेशनों (सैरांग और आनंद विहार को छोड़कर) पर रुकेगी। इसमें गुवाहाटी, न्यू कूच बिहार, न्यू जलपाईगुड़ी, मालदा टाउन, भागलपुर, पटना, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और कानपुर जैसे प्रमुख स्टेशन शामिल हैं।


नई रेल परियोजना का महत्व

रेलवे अधिकारियों के अनुसार, बैराबी और सैरांग के बीच नई लाइन का विद्युतीकरण अभी नहीं हुआ है, इसलिए इस खंड पर डीजल इंजन का उपयोग किया जाएगा। गुवाहाटी से दिल्ली तक का सफर इलेक्ट्रिक इंजन से होगा। प्रधानमंत्री मोदी दो और ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाएंगे, जिनमें सैरांग-गुवाहाटी डेली एक्सप्रेस और सैरांग-कोलकाता त्रि-साप्ताहिक ट्रेन शामिल हैं।


परियोजना का इतिहास

मिज़ोरम के सीमावर्ती कस्बे बैराबी में पहले मीटर गेज लाइन थी, जिसे 2016 में ब्रॉड गेज में परिवर्तित किया गया था। अब इस लाइन को सैरांग तक बढ़ा दिया गया है। यह परियोजना कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और भूस्खलन जैसी चुनौतियों का सामना करते हुए पूरी हुई है।