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मुंडन संस्कार: महत्व और शुभ तिथियाँ 2025 में

मुंडन संस्कार हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण परंपरा है, जो बच्चे के जन्म के बाद पहली बार बाल काटने से जुड़ी होती है। इसे चूड़ाकरण भी कहा जाता है और यह बच्चे को पिछले जन्म के दोषों से मुक्त करने का कार्य करता है। इस लेख में, हम 2025 में मुंडन संस्कार के लिए शुभ तिथियों और इसके महत्व के बारे में चर्चा करेंगे। जानें कि किस समय यह संस्कार करना अधिक फलदायी होता है और किन तिथियों से बचना चाहिए।
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मुंडन संस्कार: महत्व और शुभ तिथियाँ 2025 में

मुंडन संस्कार का महत्व

हिंदू धर्म में मुंडन संस्कार को अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण माना जाता है। यह परंपरा बच्चे के जन्म के बाद पहली बार बाल काटने से जुड़ी होती है, जिसे चूड़ाकरण भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, यह संस्कार बच्चे को पिछले जन्म के दोषों से मुक्त करता है और उसे स्वास्थ्य, समृद्धि और दीर्घायु प्रदान करता है। मुंडन संस्कार को सोलह संस्कारों में से एक माना जाता है, जो बच्चे की शुभ शुरुआत का प्रतीक है। धार्मिक और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी यह संस्कार महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह बच्चे को शारीरिक और आत्मिक शुद्धता प्रदान करता है।


मुंडन संस्कार का उद्देश्य

यह संस्कार बच्चे को नकारात्मक ऊर्जा और हानि से बचाने में मदद करता है। इस प्रकार के रीति-रिवाज शुभ समय पर किए जाते हैं ताकि उनका सकारात्मक प्रभाव पड़े और कोई नकारात्मक परिणाम न हो। लोग आमतौर पर पंडितों से सलाह लेते हैं या ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ तिथियों का चयन करते हैं।


2025 में मुंडन संस्कार की शुभ तिथियाँ

साल 2025 में मुंडन संस्कार के लिए कुछ विशेष तिथियाँ हैं, जो सामान्यतः शुभ मानी जाती हैं। जुलाई से दिसंबर के बीच कुछ सामान्य शुभ तिथियों के बारे में जानकारी दी जाएगी, जो मुंडन संस्कार को अधिक फलदायी बना सकती हैं।


नवजात शिशु का मुंडन संस्कार

आमतौर पर, नवजात बच्चे का मुंडन संस्कार 1 से 3 साल की उम्र में करना शुभ माना जाता है। विषम वर्षों में यह संस्कार अधिक फलदायी होता है। यदि 1 से 3 साल के बीच मुंडन नहीं हो पाता है, तो इसे 5 से 7 साल की उम्र में भी किया जा सकता है। मंगलवार, शनिवार और अमावस्या तिथि को मुंडन संस्कार करने से बचना चाहिए।


अगस्त से दिसंबर तक की शुभ तिथियाँ

अगस्त से दिसंबर 2025 के बीच मुंडन संस्कार के लिए कोई विशेष शुभ मुहूर्त नहीं है, क्योंकि इस दौरान पंचांग और नक्षत्रों की स्थिति अनुकूल नहीं है। इस अवधि में मुंडन संस्कार से बचने की सलाह दी जाती है। कुछ लोग शारदीय नवरात्रि के समय भी मुंडन संस्कार कराते हैं, जिसे शुभ और पवित्र समय माना जाता है। यदि आप इस अवधि में मुंडन संस्कार कराने की योजना बना रहे हैं, तो पहले ज्योतिषीय सलाह लेना आवश्यक है।