मुंबई में प्रदर्शनकारियों की भीड़ से हड़कंप, हाईकोर्ट ने दिया सख्त आदेश
दक्षिण मुंबई में प्रदर्शन का हाल
पुलिस ने बताया कि उन्होंने 5,000 प्रदर्शनकारियों के लिए अनुमति दी थी, लेकिन पूरे महाराष्ट्र से 40,000 से अधिक लोग एकत्रित हो गए, जिससे दक्षिण मुंबई में अफरा-तफरी मच गई। नोटिस के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने मुख्य सड़कों को जाम कर दिया, आजाद मैदान के पास 5,000 से ज्यादा वाहन पार्क कर दिए और सार्वजनिक स्थलों पर खाना पकाने, नहाने, नृत्य करने और क्रिकेट खेलने जैसी गतिविधियाँ कीं। पुलिस ने कहा कि इन गतिविधियों ने आंदोलन की निर्धारित शर्तों का उल्लंघन किया है।बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए जरांगे के समर्थकों को मंगलवार दोपहर तक सभी गलियों को खाली करने और साफ करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि इस आंदोलन ने मुंबई को "सचमुच पंगु" बना दिया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद, आजाद मैदान पुलिस ने प्रदर्शन के आयोजकों और उनके आठ मुख्य सदस्यों को नोटिस जारी किया और आंदोलन को आगे बढ़ाने की अनुमति देने से भी मना कर दिया।
43 वर्षीय जरांगे, मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन अनशन पर हैं। उनके हजारों समर्थक बसों और ट्रकों में मुंबई पहुंचे हैं। हालांकि कुछ लोगों ने अपनी गाड़ियां हटा ली हैं, फिर भी कई ट्रक और बसें छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (CSMT) और आसपास की सड़कों पर खड़ी हैं, जिससे भारी ट्रैफिक जाम हो रहा है।
जरांगे ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर जानबूझकर मामले को लटकाने का आरोप लगाया। प्रदर्शनकारियों ने CSMT परिसर को खेल के मैदान में बदल दिया, जहां कबड्डी, खो-खो और कुश्ती खेली जा रही थी। सड़कों, डिवाइडरों और रेलवे प्लेटफॉर्म पर कचरा, बचा हुआ खाना, रैपर और फलों के छिलके बिखरे पड़े थे, जिसके बाद बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के कर्मचारियों को देर रात सफाई अभियान चलाना पड़ा।