मुरादाबाद फल मंडी में स्वतंत्रता दिवस पर प्रशासन के आदेशों की अनदेखी

स्वतंत्रता दिवस पर मंडी का खुलना
मुरादाबाद: आजादी के इस महत्वपूर्ण अवसर पर प्रशासन ने व्यापार को पूरी तरह से बंद रखने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद, हाजी जिकरान नामक आढ़ती ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर फल मंडी को जबरन खोला। अधिकांश आढ़ती इस निर्णय का विरोध कर रहे थे, यह कहते हुए कि 15 अगस्त को मंडी नहीं खुलनी चाहिए। लेकिन हाजी जिकरान की तानाशाही के आगे किसी की नहीं चली और फल मंडी आज सुबह खुल गई। इस घटना ने प्रशासन की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया है, यह दर्शाते हुए कि एक व्यक्ति के आगे प्रशासन का आदेश महज एक कागज का टुकड़ा बनकर रह गया है।
हाजी जिकरान ने 14 अगस्त को स्पष्ट कर दिया था कि 15 अगस्त को मंडी खुली रहेगी। उनके इस ऐलान के बाद समर्थकों ने मंडी खोलने पर सहमति जताई, जबकि कुछ ने इसका विरोध किया। उनका तर्क था कि स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और सभी आढ़ती इस दिन अपने कारोबार को बंद रखते आए हैं। हाजी जिकरान ने प्रशासन के आदेश की अनदेखी करते हुए मंडी खुलवाने का प्रयास किया। मंडी खुलने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई। क्या प्रशासन हाजी जिकरान के खिलाफ कोई कठोर कदम उठाएगा?
हाजी जिकरान का नाम पहले भी विवादों में रहा है। उन्होंने मंडी में अपनी दुकान के पीछे कई सौ गज जमीन पर कब्जा कर पक्का निर्माण कराया था, जिसके बाद वह सुर्खियों में आए। आढ़तियों का कहना है कि जिकरान का यह निर्णय गलत है, क्योंकि वह ईद पर मंडी बंद करवाते हैं और आजादी के पर्व पर जबरन मंडी खुलवा रहे हैं। यह पूरी तरह से तानाशाही है।
15 अगस्त को फल मंडी के खुलने को लेकर मंडी और प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा क्या सख्त कदम उठाए जाएंगे? क्या तानाशाह हाजी जिकरान और उनके समर्थकों के खिलाफ प्रशासन कोई कार्रवाई करेगा, या यह मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा? क्या अब राष्ट्रीय अवकाशों पर लोग अपनी मनमानी करेंगे?